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कोरोना काल में Kim Jong Un को सता रही ये चिंता, बुलाई पार्टी की मीटिंग
नई दिल्ली: उत्तर कोरिया (North Korea) के तानाशाह किम जोंग ( Kim Jong Un) उन को अब देश की अर्थव्यवस्था की चिंता सता रही है. ऐसे में किम जोंग उन ने पोलित ब्यूरो की एक मीटिंग में कोरोना वायरस के कारण टूटी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए 'आत्मनिर्भर' बनने की बात कही है.
तानाशाह किम जोंग उन ने पोलित ब्यूरो की एक बैठक में नेताओं के साथ घरेलू आर्थिक मुद्दों पर बात की. देश के परमाणु कार्यक्रमों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण उत्तर कोरिया पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहा था. वहीं पड़ोसी देश दक्षिण कोरिया के साथ भी मनमुटाव का अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर पड़ा है.
KCNA के मुताबिक पोलित ब्यूरो की मीटिंग में किम जोंग उन ने घरेलू आर्थिक संकट पर चर्चा की. उत्तर कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी केसीएनए ने कहा कि इस बैठक के दौरान देश की अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने और लोगों के जीवनस्तर को सुधारने पर चर्चा क.
किम जोंग उन ने बैठक में दक्षिण कोरिया या उत्तर कोरियाई विद्रोहियों के बारे में कोई चर्चा नहीं की. किम ने केमिकल उद्योग के महत्व पर जोर देते हुए इसे 'उद्योग की नींव और देश की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख मोर्चा' कहा. जानकारी के मुताबिक, मीटिंग में उत्तर कोरियाई तानाशाह ने खास तौर पर 'सी 1 केमिकल उद्योग' के विकास पर जोर देने की बात कही, यह एक कोयला-गैसीकरण परियोजना है.
आपको बता दें कि किम जोंग उन की बहन ने दक्षिण कोरिया को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर वह उत्तर कोरियाई विद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगा, तो उनका देश नाता तोड़ लेगा. हैरानी की बात यह है कि कोरोना काल के बीच उत्तर कोरिया करीब 8 मिसाइल परीक्षण कर चुका है.