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यह युवा अब महज कुछ घंटे का मेहमान है, क्योंकि अब यह बालिग़ हो गया है, इस पोस्ट को जरूर पढ़िए!

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लोकतंत्र कितना अहम होता है और इसको बचाना कितना जरूरी है , यह जानना और समझना है तो इस पोस्ट को जरूर पढ़िए ...

यह है मुर्तजा कुरेरीस। सऊदी अरब के एक जांबाज किशोर, जिन्हें मृत्युदंड दिया गया है। कुछ ही दिनों के भीतर इनका गला काटकर हत्या कर दी जाएगी। सन 2011 के अरब वसंत तो आप सबको याद होगा ही, अरब दुनिया के कई एक देश जहां राजतंत्र, तानाशाही और शोषण के खिलाफ जन आंदोलन फूट पड़ा था, इस जन आंदोलन के दबाव में कई देशों के हुक्मरानों को गद्दी छोड़ना पड़ा था और कई तानाशाह अमीर उमराह देश से भाग गए थे।

सऊदी अरब भी इससे अछूता ना रहा, यहां भी जबरदस्त आंदोलन हुआ इसी आंदोलन के दौरान अली कुरेरिस नाम के एक 17 साल के नौजवान को सेना ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। उसके 10 साल का भाई मुर्तजा अपने प्रियतम बड़े भाई के कब्र से लौट कर अपना आंसू पोछा,अपने सारे दोस्तों को इकट्ठा किया और साइकिल से घूम-घूमकर जनतंत्र की मांग को लेकर सरकार विरोधी नारे लगाए, कई दीवारों में पोस्टर भी लगाएं। सिर्फ इसी अपराध में मुर्तज़ा कुरेरिस को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और 4 साल तक सॉलिटेरी सेल में अर्थात एकांत कारावास में बिना किसी मुकदमा चलाएं नजरबंद रखा, क्योंकि सऊदी अरब के कानून के मुताबिक नाबालिक को मृत्युदंड नहीं दिया जा सकता।


आज सन 2019 में वह 10 साल का मुर्तजा बालिग हो चुका है। जेल के भीतर ही उन्होंने किशोरावस्था के स्वर्णिम पलों को घुट-घुट कर जीया और अब जैसे ही वह बालिग हो गया सरकार ने उसे मृत्युदंड दे दिया जिसे कुछ ही दिनों के भीतर कार्यान्वित किया जाएगा। उसके प्राणों की रक्षा के लिए सऊदी अरब में माताएं सदियों की बंदिशें तोड़कर सड़क पर निकल रही है, दुनिया भर से मुर्तजा के मृत्युदंड को रोकने की मांग उठाई जा रही है, एमनेस्टी इंटरनेशनल सहित कई देशों ने सऊदी अरब से मृत्युदंड रद्द करने की अपील की है। इधर मुर्तजा ने सरकार से माफी मांगने से इनकार कर दिया है।

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अश्वनी कुमार श्रीवास्त�

अश्वनी कुमार श्रीवास्त�

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