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कोविड के दौरान बनाए गए नियमों के उल्लंघन करने पर हजारों छोटे बच्चों पर जुर्माना लगाया गया है। जबकि कानून के जानकारों का मानना है कि यह बाल अधिकारों का उल्लंघन है। न्यू साउथ वेल्स राज्य ने कोविड के नियमों का उल्लंघन करने पर बच्चों पर जुर्माना लगाया है। कानूनविदों के मुताबिक 10 साल तक के छोटे बच्चों पर जुर्माने का यह सुझाव ही क्रूरतापूर्ण है और संयुक्त राष्ट्र की 'कन्वेंशन ऑन द राइट्स ऑफ चाइल्ड' के तहत तय किए गए बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन है। इनका मानना है कि यह बच्चों पर जुर्माना लगाना अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन है। कानूनविदों का यह भी मानना है कि इस जुर्माने को अदा करने के लिए काम करने को मजबूर करना दूसरा उल्लंघन है। बाल अधिकारों के तहत बच्चों पर जुर्माना नहीं लगाया जा सकता और उसे वसूल करने के लिए बच्चों से काम नहीं कराया जा सकता। न्यू साउथ वेल्स राज्य की सरकार के ये उपाय सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय व्यवहार से मेल नहीं खाते।"
अखबार 'द गार्डियन ऑस्ट्रेलिया' ने पिछले महीने खबर छापी थी कि 10 से 17 साल तक के बच्चों के लगभग 3,000 बच्चों पर जन स्वास्थ्य अधिनियम के तहत कोविड-19 महामारी का प्रसार रोकने के लिए लागू की गईं पाबंदियों का उल्लंघन करने के लिए जुर्माने लगाए गए थे. अखबार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि राज्य के राजस्व विभाग ने इस बात की पुष्टि की है कि इन जुर्मानों की अदाएगी के लिए 'वर्क एंड डिवेलपमेंट ऑर्डर्स' (WDO) भी जारी किए गए हैं. डब्ल्यूडीओ एक व्यवस्था है जिसके तहत सार्वजनिक काम, काउंसलिंग कोर्स या इलाज आदि में हिस्सा लेकर लोग अपना जुर्माना कम करवा सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया के रेडफर्न लीगल सेंटर ने इस संबंध में कुछ डेटा जुटाया है. यह डेटा बताता है कि 15 साल की आयु के करीब 500 बच्चों पर लगभग 20 हजार डॉलर का जुर्माना लगाया गया जिनमें से 34 अपना जुर्माना कम कराने के लिए अवैतनिक काम कर रहे थे. इन आंकड़ों से यह भी पता चला कि उन क्षेत्रों में ज्यादा जुर्माने लगाए गए जहां आदिवासियों की आबादी ज्यादा है.
गार्डियन ऑस्ट्रेलिया की रिपोर्ट में कुछ लोगों के अनुभव भी बताए गए थे। उदाहरण के लिए एक किशोर जोड़ा सिडनी में कोविड लॉकडाउन के दौरान व्यायाम के लिए साइकलिंग कर रहा था जो कि उनके घर के पांच किलोमीटर के दायरे के भीतर ही था। तब उन्हें पुलिस ने रोका और बताया कि वे अपनी काउंसिल की सीमा पार कर चुके हैं। किशोरों ने पुलिस अफसर को बताना चाहा कि उन्हें लगा वे पांच किलोमीटर के दायरे में ही हैं लेकिन उन दोनों को एक-एक हजार ऑस्ट्रेलियाई डॉलर यानी लगभग 54 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया गया।