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अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने WHO को दी ये चेतावनी, बताया- 'चीन की कठपुतली'?

Arun Mishra
19 May 2020 4:53 AM GMT
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने WHO को दी ये चेतावनी, बताया- चीन की कठपुतली?
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अमेरिका संगठन का सदस्य बने रहने पर भी दोबारा विचार करेगा।

वॉशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को चिट्ट्‌ठी लिखकर चेतावनी दी है। उन्होंने लिखा है कि 30 दिन में संगठन में सुधार करें। ऐसा न करने पर आपको दी जा रही फंडिंग स्थाई रूप से फ्रीज कर दी जाएगी और अमेरिका संगठन का सदस्य बने रहने पर भी दोबारा विचार करेगा।

ट्रम्प ने इससे पहले व्हाइट हाउस में भी डब्ल्यूएचओ की आलोचना की। उन्होंने कहा, ''वे (डब्ल्यूएचओ) चीन की कठपुतली है। यह कहना बेहतर होगा कि वे चीन केंद्रित हैं। अमेरिका डब्ल्यूएचओ को सालाना 450 मिलियन डॉलर (करीब 3500 करोड़ रु.) देता है। इसे कम करने की योजना बनाई जा रही है क्योंकि हमारे साथ सही बर्ताव नहीं हुआ।''

हर दिन हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की दवा लेता हूं: ट्रम्प

ट्रम्प ने दावा किया कि वे कोरोना से बचने के लिए हर दिन मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन जिंक के साथ लेते हैं। उन्होंने कहा मैं पिछले डेढ़ हफ्ते से हर दिन ऐसा कर रहा हूं। जब उनसे पूछा गया कि वे यह दवा क्यों ले रहे हैं तो उन्होंने कहा, ''क्योंकि मैं सोचता हूं यह अच्छा है, मैंने इसके बारे में कई अच्छी कहानियां सुनी हैं। आप यह जानकर हैरान होंगे कि कई लोग खास तौर पर फ्रंटलाइन पर काम करने वाले कर्मचारी यह दवा लेते हैं।''

'व्हाइट हाउस के फिजीशियन ने इसके इस्तेमाल की सलाह दी'

ट्रम्प ने कहा, ''व्हाइट हाउस के एक डॉक्टर ने भी कहा कि मैं यह दवा ले सकता हूं। हालांकि, पहल मैंने की थी। मैंने उनसे पूछा था कि आप इस दवा के बारे में क्या सोचते हैं? उन्होंने कहा कि अगर आप चाहें तो ले सकते हैं। अगर इससे कोई असर नहीं हुआ तब भी आप बीमार नहीं पड़ेंगे या आपकी मौत नहीं होगी। मैं हर दिन एक गोली लेता हूं। समय आने पर बंद कर दूंगा।''

एफडीए ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन न लेने की चेतावनी दी थी

अमेरिकी सरकार के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने चेतावनी दी थी कि कोरोना के इलाज या इसे रोकने के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का इस्तेमाल नहीं किया जाए। एफडीए ने इसके साइड इफेक्टस को ध्यान में रखते हुए यह बात कही थी। इससे दिल से जुड़ी समस्याएं सामने आई थीं। मौजूदा नियमों के मुताबिक इसका इस्तेमाल सिर्फ इमरजेंसी में किया जा सकता है।

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