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Russia Ukraine War : यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की का बड़ा दावा 'छह दिन की जंग में मारे गए 6000 रूसी नागरिक'

Arun Mishra
2 March 2022 3:57 PM IST
Russia Ukraine War : यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की का बड़ा दावा  छह दिन की जंग में मारे गए 6000 रूसी नागरिक
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रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग की वजह से बड़ी संख्या में लोगों ने यूक्रेन से पलायन भी किया है.

यूक्रेन (Ukraine) के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskiy) ने बुधवार को कहा कि मॉस्को के हमले के पहले छह दिनों में लगभग 6000 रूसी सैनिक मारे गए हैं. उन्होंने कहा कि रूस यूक्रेन (Russia Ukraine War) पर बम और हवाई हमलों के जरिए कब्जा नहीं कर पाएगा. बाबिन यार पर रूस के हमले के जिक्र करते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा कि यहां किया गया हमला साबित करता है कि रूस में कई लोगों के लिए हमारा कीव बिल्कुल विदेशी हिस्से की तरह है. उन्होंने कहा, इन लोगों को कीव के बारे में कुछ भी नहीं मालूम है. इन्हें हमारे इतिहास की जानकारी नहीं है. इन लोगों को सिर्फ आदेश है कि ये हमारे इतिहास, हमारे देश और हम सब को मिटाएं.

यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि 24 फरवरी से लेकर 2 मार्च तक पिछले छह दि नों की जंग में रूस के 211 टैंकों को तबाह किया गया है. वहीं, 862 आर्मर्ड पर्सनल व्हीकल, 85 आर्टिलरी टुकड़ों और 40 एमएलआरएस को तबाह किया गया है. इस युद्ध में रूस को भी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. मंत्रालय द्वारा बताया गया है कि रूस के 30 विमान और 31 हेलिकॉप्टर मार गिराए गए हैं. इसके अलावा, दो जहाज, 335 वाहन, 60 फ्यूल टैंक और तीन यूएवी को भी मार गिराया गया है. 9 एंटी एयरक्राफ्ट वॉरफेयर को भी ढेर किया गया है. इससे ये पता चलता है कि यूक्रेन की सेना रूस को कड़ी टक्कर देते हुए नजर आ रही है.

रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग की वजह से बड़ी संख्या में लोगों ने यूक्रेन से पलायन भी किया है. लेकिन कई लोगों ने रूस से टक्कर लेने के लिए यूक्रेन में ही रुक गए हैं. यूक्रेन छोड़कर कुछ लोग पूर्वी हंगरी पहुंचे हैं. यहां के एक गांव के स्कूल के मैदान में इकट्ठा हुए सैकड़ों शरणार्थियों में अधिकतर महिलाएं और बच्चे ही हैं. बताया गया है कि इनके पति, पिता, भाई और बेटे अपने देश की रक्षा करने और रूसी सैनिकों से लोहा लेने के लिए यूक्रेन में ही रुक गए हैं. संयुक्त राष्ट्र की शारणार्थी मामलों संबंधी एजेंसी के अनुसार, अभी तक 6,75,000 से अधिक लोग पड़ोसी देशों में शरण ले चुके हैं और यह आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है.

18 से 60 वर्ष की आयु के पुरुषों के देश छोड़ने पर लगी रोक

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त की प्रवक्ता शाबिया मंटो ने मंगलवार को बताया कि ऐसे ही लोग पलायन करते रहे तो, यह इस सदी का यूरोप का सबसे बड़ा शरणार्थी संकट बन सकता है. यूक्रेन की सरकार ने एक आदेश में 18 से 60 वर्ष की आयु के पुरुषों के देश छोड़ने पर रोक लगा दी है, ताकि वे सेना की मदद कर पाएं. इसलिए कई महिलाओं और बच्चों को अपनी सुरक्षा का जिम्मा खुद उठाना पड़ रहा है. वहीं, पोलैंड में भी बड़ी संख्या में यूक्रेन की महिलाएं अपने बच्चों के साथ शरण ले रही हैं, क्योंकि रूस के बढ़ते आक्रमण के बीच बच्चों के लिए यूक्रेन में रहना अब बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है.

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