- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- Shopping
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
US ELECTION : जानिए- क्या होगा, अगर ट्रम्प ने हारने के बावजूद व्हाइट हाउस छोड़ने से इनकार कर दिया तो..
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों की तस्वीर पूरी तरह साफ नहीं हो पाई है। शुक्रवार को काउंटिंग का तीसरा दिन है। बाइडेन 253 और ट्रम्प 214 इलेक्टोरल वोट जीत चुके हैं। चार राज्यों के नतीजे बाकी हैं। इसलिए 'कौन बनेगा राष्ट्रपति' वाले सवाल का सही जवाब हासिल करने के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा।
इस बीच, एक सवाल लोगों के मन में कौंध रहा है। और वो इसलिए क्योंकि ट्रम्प खुद इस बारे में इशारा कर चुके हैं। हालात भी कुछ उसी तरफ इशारा कर रहे हैं। सवाल ये है कि अगर ट्रम्प हार गए और उन्होंने 'फिजिकली' व्हाइट हाउस छोड़ने से इनकार कर दिया तो क्या होगा?
परंपरा ये है...
अमेरिका में हमेशा 20 जनवरी को नया राष्ट्रपति शपथ लेता है। इसे इनॉगरेशन डे कहा जाता है। इसके कई दिन पहले ही हारा हुआ या दो टर्म पूरा कर चुका राष्ट्रपति (या उम्मीदवार) व्हाइट हाउस खाली कर देता है। जीते हुए उम्मीदवार के हिसाब से इसे सजाया-संवारा जाता है।
पहले बाइडेन का जवाब जानिए
'न्यूयॉर्क पोस्ट' की रिपोर्ट के मुताबिक, जून में बाइडेन से पूछा गया था- अगर हारने के बाद ट्रम्प ने व्हाइट हाउस छोड़ने से इनकार कर दिया तो? बाइडेन का जवाब था- हां, ये बिल्कुल हो सकता है। लेकिन, अगर ऐसा होता है तो मिलिट्री उन्हें वहां से जबरदस्ती बाहर निकाल देगी। चेयरमैन ऑफ ज्वॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ जनरल मार्क मिले कहते हैं- हम कभी नहीं चाहेंगे कि मिलिट्री का इस्तेमाल चुनावी मामले निपटाने के लिए किया जाए। अगर ऐसा होता है तो कोर्ट्स और यूएस कांग्रेस इसका हल निकालेंगे। आर्मी का इसमें क्या रोल?
पहले कभी ऐसा नहीं हुआ
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के राजनीतिक इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ जब किसी हारे हुए राष्ट्रपति ने व्हाइट हाउस छोड़ने से इनकार किया हो। इस बार ट्रम्प के कैरेक्टर और बयानों को मिलाकर देखा जा रहा है। इसलिए, कुछ आशंकाएं जरूर हैं। ट्रम्प कई बार कह चुके हैं- सत्ता हस्तांतरण या पावर ट्रांसफर की जरूरत ही नहीं होगी, मैं व्हाइट हाउस में ही रहूंगा। इसे अब धमकी के तौर पर देखा जा रहा है। दूसरी बात, कानूनी मामले हैं। इनमें वक्त लग सकता है। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच सकता है।