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अमेरिका बनाम रूस की टक्कर आगे बढ़ी, जानें- क्या है मामला?
लिथुआनिया को लेकर रूस और अमेरिका आमने-सामने आ गए हैं। रूस ने नाटो के सदस्य देश लिथुआनिया से मांग की है वह शत्रुतापूर्ण प्रतिबंधों को तत्काल हटाए और अमेरिका ने कहा है कि वह लिथुआनिया के साथ खड़ा है। रूस ने लिथुआनिया से मांग की है कि वह कैलिनिनग्राद पर खुलेआम लगाए गए शत्रुतापूर्ण प्रतिबंधों को तत्काल हटाए। रूस की यह चेतावनी ऐसे वक्त में आई है जब लिथुआनिया ने रूस के परमाणु सैन्य किले कैलिनिनग्राद को रेल के जरिए जाने वाले सामानों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
लिथुआनिया के इस कदम पर रूस ने चेतावनी दी है और अमेरिका ने कहा है कि वह लिथुआनिया के साथ खड़ा है। अमेरिका ने रूस को यह भी याद दिला दिया है कि नैटो के किसी सदस्य देश पर हमला अमेरिका पर हमला माना जाएगा। यूरोपियन यूनियन और नाटो देशों के बीच बसा रूसी कैलिनिनग्राद शहर रेल के जरिए सामान मंगाता है। कैलिनिनग्राद की गैस सप्लाई भी लिथुआनिया के जरिए होती है।
लिथुआनिया ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह रूस पर लगे प्रतिबंधों की सूची में आने वाले सामानों को रेल के जरिए कैलिनिनग्राद भेजने पर प्रतिबंध लगा रहा है जिसे लेकर रूस लिथुआनिया पर भड़क गया है। रूस ने कहा है कि अगर कैलिनिनग्राद को सामानों की आवाजाही पूरी तरह से नहीं शुरू हुई तो रूस के पास अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने का पूरा अधिकार है। रूस ने लिथुआनिया के इस कदम को उकसाऊ और शत्रुतापूर्ण बताया है। रूसी राष्ट्रपति कार्यालय ने लिथुआनिया के इस फैसले को हर चीज का उल्लंघन बताया है। रूस ने अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत इस कदम को अवैध बताया और लिथुआनियाई राजदूत को तलब किया है।
लिथुआनियाई पीएम इंग्रिडा सिमोनीटे ने कहा है कि एक ऐसे देश से अंतरराष्ट्रीय संधियों के कथित उल्लंघन के बारे में बयानबाजी सुनना विडंबना है जिसने संभवतः हर एक अंतरराष्ट्रीय संधि का उल्लंघन किया है। उन्होंने आगे कहा है कि कलिनिनग्राद की नाकाबंदी नहीं है। लिथुआनिया बस यूरोपियन यूनियन द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को लागू कर रहा है। कैलिनिनग्राद रूस का परमाणु किला माना जाता है। लिथुआनिया के इस कदम से कैलिनिनग्राद को पहुंचने वाले सामानों में 50 फीसद की कमी संभव है। हाल ही में रूस ने कैलिनिनग्राद में ही परमाणु हमले का अभ्यास किया था। कैलिनिनग्राद रूसी नौसेना के बाल्टिक सागर क्षेत्र का मुख्यालय है।