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Corona Virus ग्लोबल इमरजेंसी घोषित, चीन में अब तक 213 की मौत, भारत में भी मरीज मिले

Shiv Kumar Mishra
31 Jan 2020 9:43 AM IST
Corona Virus ग्लोबल इमरजेंसी घोषित, चीन में अब तक 213 की मौत, भारत में भी मरीज मिले
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पूरी दुनिया में लगभग 10,000 लोग संक्रमित हो चुके हैं.

नई दिल्ली: पूरी दुनिया में कोरोना वायरस (Corona Virus) के संक्रमण को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन-World Health Organizatio (WHO) ने ग्लोबल इमरजेंसी घोषित कर दिया है. इसी के साथ ही अब पूरी दुनिया में इस वायरस से लड़ने के लिए एक साथ काम किया जाएगा और इसके संक्रमण को रोकने के लिये वैश्विक स्तर पर टीके तैयार करने का काम होगा.

10,000 से ज्यादा लोग हो चुके हैं संक्रमित

WHO ने आधिकारिक पुष्टि करते हुए कहा है कि अभी तक चीन से निकले कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया में लगभग 10,000 लोग संक्रमित हो चुके हैं. इसके अलावा इस महामारी की वजह से सिर्फ चीन में ही 213 लोगों की मौत हो चुकी है. WHO इस भयानक वायरस से लड़ने के लिए जल्द से जल्द टीके तैयार करने के काम में जुट गया है. लेकिन अभी तक किसी भी लैब में इस वायरस से लड़ने के लिए कोई टीका तैयार नहीं हो पाया है.

18 देशों तक फैल चुका है संक्रमण

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक चीन के अलावा पूरी दुनिया के लगभग 18 देशों से कोरोना वायरस संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं. कुल 98 संक्रमण के मामले ऐसे यात्रियों में पाए गए हैं जो हाल ही में चीन की यात्रा करके वापस लौटे हैं. WHO प्रमुख टेडरोस अधानोम घेब्रेसुस के कहा कि हमारे लिए इस वायरस के संक्रमण को रोकना प्रमुख लक्ष्य है. लेकिन साथ ही इसे गरीब तबके में फैलने से पहले खत्म करना मुख्य चुनौती है. बताते चलें कि WHO शुरुआत में इस वायरस के संक्रमण को कम आंक रहा था. लेकिन बढ़ते मामले और लगातार हो रहे मौत को देखते हुए आखिरकार इस वायरस के संक्रमण को वैश्विक आपातकाल घोषित करना पड़ा है.

पूरी दुनिया क्यों चिंतित है कोरोना वायरस से

संक्रमण मामले से जुड़े एक विशेषज्ञ का कहना है कि चीन में जन्में कोरोना वायरस से चिंतित होना लाजमी है. चीन ने सार्स वायरस के बारे में भी पूरी दुनिया को सही जानकारी नहीं दी थी. सार्स पूरे चीन में तेजी से फैल रहा था और नागरिक संक्रमित होकर मर रहे थे. इसके बावजूद चीनी अधिकारियों ने अंतरराष्ट्रीय संगठनों से सटीक जानकारी छुपा कर इसके बेहद कम मामले बताए थे. इस गलती की वजह से खतरे का सही अनुमान नहीं लग पाया और 17 देशों में हजारों लोग सार्स वायरस से संक्रमित हुए. जानकारी छिपाने की वजह से सही समय पर सार्स से लड़ने के टीके भी नहीं बन पाए थे.

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