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म्‍यांमार में एरोबिक्‍स करती रही महिला, पीछे देश की संसद पर हो गया सेना का कब्‍जा, देखें महावायरल वीडियो

Arun Mishra
2 Feb 2021 5:54 AM GMT
म्‍यांमार में एरोबिक्‍स करती रही महिला, पीछे देश की संसद पर हो गया सेना का कब्‍जा, देखें महावायरल वीडियो
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भारत के पड़ोसी देश म्‍यांमार में सोमवार को सेना ने तख्‍तापलट कर द‍िया। सेना ने संसद पर कब्‍जा कर ल‍िया..

म्‍यांमार में सेना ने सोमवार को एक बार फिर से तख्‍तापलट कर दिया और देश की नेता आंग सांग सू की को हिरासत में ले लिया। म्‍यांमार की सेना जब देश में तख्‍तापलट कर रही थी, उस समय का एक लाइव वीडियो अब सोशल मीडिया पर रेकॉर्डतोड़ देखा जा रहा है। इस लाइव वीडियो में एक महिला म्‍यांमार की संसद के सामने एरोबिक्‍स क्‍लास कर रही है और पीछे सेना के वाहन संसद पर कब्‍जा करने के लिए बढ़ रहे हैं।

ट्विटर पर शेयर हुए इस वीडियो को अब तक 80 लाख से ज्‍यादा बार देखा जा चुका है। इस वीड‍ियो को 36 हजार बार र‍िट्वीट किया जा चुका है और लाखों लोगों ने इसे लाइक किया है। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि महिला तेज म्‍यूजिक के बीच में एरोबिक्‍स क्‍लॉस करती रही और सेना ने संसद भवन पर कब्‍जा कर लिया। महिला को पता भी नहीं चल पाया कि देश में तख्‍तापलट हो गया है। इस महिला का नाम खिंग हनिन वेई बताया जा रहा है। वह शारीरिक शिक्षा की टीचर बताई जा रही हैं।

आंग सान सू ची समेत कई नेताओं को हिरासत में ले लिया

इससे पहले म्‍यांमार की सेना ने सोमवार को तख्तापलट कर दिया और शीर्ष नेता आंग सान सू ची समेत कई नेताओं को हिरासत में ले लिया। लोकतंत्र की दिशा में आगे बढ़ रहे इस दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र के लिए इस उलटफेर को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पांच दशकों तक सैन्य शासन में रहे इस देश में सैन्य तख्तापलट की दुनिया के विभिन्न देशों और संगठनों ने निंदा की है और हिरासत में लिए गए नेताओं को रिहा करने की मांग की है।

सेना के स्वामित्व वाले 'मयावाडी टीवी' ने सोमवार सुबह घोषणा की कि सेना प्रमुख जनरल मिन आंग लाइंग ने एक साल के लिए देश का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है। इस घोषणा के दौरान सेना के तैयार किए संविधान के उस हिस्से का हवाला दिया गया, जो राष्ट्रीय आपातकाल की स्थिति में देश का नियंत्रण सेना को अपने हाथों लेने की इजाजत देता है। उसने कहा कि तख्तापलट की वजह पिछले वर्ष नवंबर में हुए चुनावों में धोखाधड़ी के सेना के दावों पर कोई कदम नहीं उठाना तथा कोरोना वायरस संकट के बावजूद चुनाव स्थगित करने में सरकार की विफलता है।

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