जम्मू कश्मीर

फारूक अब्दुल्ला से मिलते ही गुलाम नबी आजाद ने सरकार पर लगाये कई आरोप बोले- कश्मीर में तरक्की चाहिए लीडरों....

Sujeet Kumar Gupta
14 March 2020 11:04 AM GMT
फारूक अब्दुल्ला से मिलते ही गुलाम नबी आजाद ने सरकार पर लगाये कई आरोप बोले- कश्मीर में तरक्की चाहिए लीडरों....
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कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद आगे कहा कि- लीडरों को तोते की तरह पिंजरे में बंद करने से कश्मीर में तरक्की नहीं होगी। लीडरों को छोड़ देना होगा, रिहा करना होगा, राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करनी होगी। यहां चुनाव करवाए जाएं और जम्मू-कश्मीर के लोग जिसे चाहें, वो सरकार चुन कर आए।

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद पीएसए कानून के तहत हिरासत में लिए गए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला को इससे आजादी मिल गई है। फारुक अब्दुल्ला ने पीएसए से रिहाई के बाद कहा कि मेरे पास शब्द नहीं हैं। आज मैं आजाद हूं। वही साढ़े सात महीने के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने फारूक अब्दुल्ला से मुलाकात किये, मलाकात करने के बाद आजाद ने कहा की मुझे आज तक समझ नहीं आया कि इन्हें नजरबंद क्यों किया गया था। 370 आने से पहले ही इन्हें नजरबंद कर दिया गया था।

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद आगे कहा कि- लीडरों को तोते की तरह पिंजरे में बंद करने से कश्मीर में तरक्की नहीं होगी। लीडरों को छोड़ देना होगा, रिहा करना होगा, राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करनी होगी। यहां चुनाव करवाए जाएं और जम्मू-कश्मीर के लोग जिसे चाहें, वो सरकार चुन कर आए।

डॉ. अब्दुल्ला 15 सितंबर 2019 से पब्लिक सेफ्टी कानून(पीएसए) के तहत नजरबंद थे। बता दें कि 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा वापस ले लिया गया था। यहां से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से प्रदेश के कई बड़े नेता जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला भी शामिल हैं को नजरबंद रखा गया है।

इसके बाद आजाद ने कहा कि मैं दोस्ती के नाते उनसे मिलने के लिए यहां आया हूं। मैं यहां उन सभी सांसदों की तरफ से आया हूं, जिन्होंने फारूक साहब की रिहाई के बारे में बात की थी। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अगर हमें कश्मीर को खुश रखने की जरूरत है तो सभी नेताओं को रिहा करने की जरूरत है और सभी राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करने की जरूरत है।

इसके बाद उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि किसी भी विकास परियोजना पर कोई काम नहीं हो रहा है। इतना ही नहीं पर्यटन चला गया, हस्तकला समाप्त हो गई। यहां तक कि जम्मू की हालत भी खराब हो गई है। इसका एक ही उपाय है कि सभी राजनीतिक नेताओं को रिहा किया जाए।

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर राज्य को केंद्रशासित प्रदेश घोषित करने का निर्णय जम्मू-कश्मीर के लोगों का अपमान है। इसे निरस्त करना होगा। जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य घोषित किया जाना चाहिए।


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