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जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन पर लोकसभा में बोले गृह मंत्री अमित शाह
नई दिल्ली। लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर बात करते हुए कहा कि घाटी में राष्ट्रपति शासन को छह महीने के लिए बढ़ाने के प्रस्ताव रखी । राज्यपाल शासन के दौरान आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई। कई सालों से पंचायत चुनाव नहीं हुए थे। जम्मू-कश्मीर में मौजूदा राष्ट्रपति शासन की अवधि 2 जुलाई को पूरी होने वाली है। रमजान और अमरनाथ यात्रा के देखते हुए राज्य में चुनाव इस वर्ष के अंत तक कराने की तैयारी चल रही है । जम्मू और लद्दाख के क्षेत्र की अपेक्षा बंद की गई है। वर्षों से लंबित मामलों को हल किया गया है। पीओके और पश्चिम पाकिस्तान से आए शरणार्थियों की मदद की गई है। 15000 बंकरों का निर्माण किया जा रहा है। पशुधन के मारे जाने पर मुआवजा दिया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बसे गांवों के छात्रों को भी आरक्षण देने का प्रस्ताव है। शेलिंग और गोलीबारी के दौरान छात्रों को कई-कई दिनों तक बंकरों में रहना पड़ता है।
अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रहने वाले लोगों को इस आरक्षण से फायदा मिलेगा। पहले केवल नियंत्रण रेखा के वासियों को आरक्षण मिलता था। तो दूसरा प्रस्ताव जम्मू-कश्मीर में आरक्षण प्रस्ताव में बदलाव का प्रस्ताव पेश किया। इस साल के अंत में जम्मू-कश्मीर में चुनाव होंगे।जम्मू-कश्मीर में बिना हिंसा के चुनाव हुए। पहले जम्मू लद्दाख के साथ भेदभाव होता था। सरकार ने आतंकवाद को खत्म करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है। एक साल के अंदर वहां पंचायत चुनाव कराए गए। 40 हजार पंच और सरपंच बने हैं। हम 3 हजार करोड़ रुपए पंचायतों को देने के लिए तैयार हैं।
बतादे कि अभी पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर दौरा पर गये गृहमंत्री अमित शाह ने समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए आतंरिक सुरक्षा के विशेष सचिव एपी माहेश्वरी ने कहा कि मंत्री ने निर्देश दिया कि पूरी यात्रा के दौरान सुरक्षा बलों या ड्यूटी स्टाफ द्वारा कभी भी संतुष्टि का भाव नहीं आना चाहिए। उन्होंने बताया, '' कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए। एसपीओ का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। वरिष्ठ अधिकारियों को व्यक्तिगत तौर पर इंतजामों की निगरानी करनी चाहिए। माहेश्वरी ने कहा, '' उन्होंने (शाह ने) हिंसा मुक्त यात्रा सुनिश्चित करने के लिए सभी सुरक्षा एजेंसियों को पूरी तरह से सतर्क रहने और सभी एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए।
उन्होंने बताया कि मंत्री ने काफिलों की आवाजाही के लिए मानक संचालन प्रक्रिया की अहमियत पर बल दिया और खासकर काफिलों को वक्त पर रवाना करने पर जोर दिया। इसके अलावा, एक भिन्न बैठक में शाह ने जम्मू कश्मीर में विकास के परिदृश्य की भी समीक्षा की और राज्य के विकास में तेजी लाने, बुनियादी ढांचे के निर्माण, सुशासन, सभी समुदायों के लिए समावेशी विकास और युवाओं के लिए रोजगार सृजन योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने को कहा।