- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
- Home
- /
- राज्य
- /
- जम्मू कश्मीर
- /
- J&K : पाबंदी के बाद भी...
J&K : पाबंदी के बाद भी गिलानी को मिल रही थी इंटरनेट सुविधा, BSNL के 2 कर्मचारी सस्पेंड
श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में धारा 370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाए जाने के बाद मोबाइल और इंटरनेट सेवा पर बैन लगा हुआ है। कश्मीर घाटी में अभी सिर्फ लैंडलाइन फोन ही चालू किए गए हैं। इस बीच कम्यूनिकेशन पर बैन के बावजूद अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का कथित रूप से इंटरनेट चलने के मामले में बीएसएनएल ने अपने दो कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है।
आरोप है कि दोनों ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नाता अली शाह गिलानी को प्रतिबंध को ताक पर रखकर इंटरनेट लिंक मुहैया कराया हुआ था। इस दौरान गिलानी ने अपने कथित अकाउंट से कई ट्वीट भी किए थे। हालांकि यह अकाउंट वेरिफाइड नहीं है। गिलानी के इस कथित अकाउंट से ट्वीट होने के बाद सवाल उठे कि जब पूरे प्रदेश में इंटरनेट पर बैन लगा हुआ था तो गिलानी के पास कैसे यह सुविधा पहुंची। 4 अगस्त के बाद से इस अकाउंट से कई आपत्तिजनक ट्वीट किए गए।
बता दें कि भारत सरकार ने गत पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त कर दिया। इसके पहले चार अगस्त को कश्मीर में लैंडलाइन फोन सहित संचार की सभी सुविधाओं पर पाबंदी लगा दी गई। साथ ही राज्य के प्रमुख नेताओं उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला सहित अन्य सैकड़ों नेताओं को उनके घर में पहले नजरबंद और फिर बाद में हिरासत में ले लिया गया।
जांच में पाया गया है कि संचार व्यवस्था पर पाबंदी लगने के बावजूद सैयद अली शाह गिलानी को आठ अगस्त की सुबह तक लैंडलाइन एवं ब्रॉडबैंड की सुविधा मिलती रही। मामला सामने आने पर अधिकारियों ने इसकी जांच शुरू की। जांच में बीएसएनल के दो कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आई। इसके बाद बीएसएनएल ने विभाग के दोनों अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए गिलानी को मिल रही इंटरनेट की सुविधा बंद कर दी।
सरकार को आशंका था कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद वहां कानून-व्यवस्था को चुनौती उत्पन्न हो सकती है। इसे देखते हुए सरकार ने वहां अर्ध सैनिक बलों की अतिरिक्त तैनाती की। साथ ही ऐसे लोग जो शांति-व्यवस्था के लिए खतरा बन सकते थे, उन लोगों को हिरासत में और नजरबंदी में रखा। सरकार ने अफवाहों पर रोक लगाने के लिए जम्मू-कश्मीर में संचार व्यवस्था पर रोक लगाई और नागरिकों की सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए।