जम्मू कश्मीर

जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने का विरोध करने पर घाटी के दो नेताओं पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज

Sujeet Kumar Gupta
7 Aug 2019 9:07 AM GMT
जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने का विरोध करने पर घाटी के दो नेताओं पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज
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वकील अली मुराद ने बताया है कि मैंने महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला और अन्य नेताओें पर आईपीसी की धारा 124 ए, 153 ए, 153 बी, 504 , 120 बी के कहत केस दायर कराया है।

जम्मू कश्मीर। एक तरफ देश जम्मू कश्मीर में संविधान के अनुच्छेद 370 और 35 ए हटाए जाने का जश्न मना रहा है। तो दूसरी ओर एक तबका ऐसा है भी जो उस फैसले पर नाराज चल रहा है। इस मामले को लेकर जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और घाटी की प्रमुख राजनीतिक पार्टी नेशनल कॉफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला के साथ-साथ अन्य राज नेताओं खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हो गया है। दरअसल महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 के हटाए जाने का जमकर विरोध किया, जिसे मद्देनजर रखते हुए बिहार के बेतिया कोर्ट में वकील अली मुराद की ओर से कोर्ट में याचिका दायर कर घाटी के इन दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों पर यह देशद्रोह का केस दर्ज कराया गया है।

बतादें कि वकील अली मुराद ने बताया है कि मैंने महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला और अन्य नेताओें पर आईपीसी की धारा 124 ए (सरकर के खिलाफ कुछ लिखना या बोलना, संविधान का अपमान करना), 153 ए (धर्म, नस्ल, भाषा आदि के तहत लोगों में नफरत फैलाने का काम करना) 153 बी, 504 (शांति भंग करने की कोशिश करना),120 बी के कहत केस दायर कराया है. साथ ही अली मुराद ने यह भी कहा है कि कोर्ट ने इस केस पर सुनावाई की और इस मामले को ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के के साही के पास ट्रांसफर किया है। इस पूरे मामले की अगली सुनवाई 24 सितंबर 2019 को होगी।

दरअसल 5 अगस्त को राज्यसभा मे गृहमंत्री अमित शाह ने जब 370 पर अपना पक्ष रखा और सदन के माध्यम से इसे निष्क्रिय किया गया तो महबूबा मुफ्ती ने दो ट्वीट किए पहले ट्वीट पर मुफ्ती ने कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन है जम्मू-कश्मीर के नेतृत्व ने 1947 में भारत के साथ जाने का जो फैसला लिया था, वो गलत साबित हो गया. भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला अवैध और असंवैधानिक है।

तो दूसरी ओर नेशनल कॉफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को लेकर यह बयान दिया कि भारत सरकार का यह फैसला घाटी के लोगों के साथ किया गया धोखा है। आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने से पहले पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को नजरबंद किया गया था। तो वहा पर इंटरनेट सेवआओं को भी रोक दिया गया था, साथ मे सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये थे कि कोई अप्रिय घटना ना घटे। और वहा अमरनाथ यात्रियों को भी रोक दिया गया था ।



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