
कैसे गुजरी कैदी नं 3351 लालू की पहली रात बिरसा मुंडा जेल में!

चारा घोटाले में लालूप्रसाद यादव समेत 17 लोंगों को अदालत ने दोषी पाया. जबकि पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्र समेत कुछ लोंगों को बरी कर दिया. जगन्नाथ मिश्र मौजूदा बीजेपी विधायक नीतीश मिश्र के पिताजी है. लालूप्रसाद को इस साल जेल में कैदी नंबर 3351 मिला है.
लालूप्रसाद यादव समेत सभी आरोपियों को पुलिस कस्टडी में ले लिया गया. इस मुकद्दमें में अभी केवल दोषी करार दिया है, जबकि सजा 3 जनवरी को सुनाये जाने की तारीख मुकर्रर हुई है. अदालत ने इन्हें तब तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. अब चूँकि विंटर वेकेशन आज से शुरू हो गई तो अब कोर्ट 2 जनवरी को खुलेगा. इनकी सुनवाई 3 जनवरी को होगी.
जेल पहुंचते ही सबसे पहले लालूप्रसाद यादव का डाक्टरी मुआयना हुआ. उसके बाद उनको अपर डिवीज़न सेल का कॉटेज दिया गया. इस कॉटेज में लालू सितंबर- दिसम्बर 2013 से बीच भी रहे थे. मधु कोड़ा भी इस कॉटेज में साढ़े तीन साल गुजार चुके हैं.
जेल में आने के बाद लालू यादव के पहले मुलाकाती उनके बेटे तेजस्वी यादव बने. पिता की खराब सेहत और उम्र का हवाला देते हुए तेजस्वी ने लालू से मिलने की इजाजत मांगी थी. जेल में पिता पुत्र तकरीबन एक घंटे साथ रहे. बाद में लालू ने तेजस्वी को लौट जाने को कहा.
मेडिकल जांच के बाद लालू अपने कॉटेज में चले गए. यहां उन्होंने जेल मैनुअल के अनुसार अपने लिए हल्के भोजन की मांग की. रात में उन्हें आलू-पालक की सब्ज़ी और रोटी दी गई.
उनके बगल वाली बेरिंग में उनके साथी रह रहे जो उनके साथ दोषी करार दिए गये है.
