रांची

लालूप्रसाद यादव ने किया रांची कोर्ट में सरेंडर, 110 दिन बाद पहुंचे जेल

Special Coverage News
30 Aug 2018 6:47 AM GMT
लालूप्रसाद यादव ने किया रांची कोर्ट में सरेंडर, 110 दिन बाद पहुंचे जेल
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राजद मुखिया लालूप्रसाद यादव ने गुरुवार को रांची की सीबीआई कोर्ट में सरेंडर किया. बता दें कि लालू 10 मई को अपने बेटे तेजप्रताप यादव की शादी के लिए बाहर आए थे, जिसके बाद अब करीब 110 दिन बाद वह जेल लौटेंगे. लालू यादव यहां से सीधे जेल में जाएंगे, इसके बाद उन्हें रिम्स अस्पताल में शिफ्ट किया जा सकता है.

सरेंडर करने से पहले लालू यादव ने कहा कि उन्हें न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है, जो भी कोर्ट का आदेश होगा वह उसका पालन करेंगे. उन्होंने कहा कि हमारी कोई इच्छा नहीं है. हालांकि, लालू ने कहा कि रिम्स अस्पताल में सुविधाओं की कमी है, वहां पर इन्फेक्शन फैला हुआ है.

पटना से रवाना होने से पहले आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि देश तानाशाह शासन की ओर बढ़ रहा है. पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में लालू ने बिहार में कानून व्यवस्था ठीक नहीं होने का आरोप लगाते हुए कहा कि यहां पूरी तरह से अराजकता का माहौल है. उन्होंने कहा कि जब रोम जल रहा था, नीरो बंसी बजा रहा था, वही हालत नीतीश की है. लालू ने आरोप लगाया कि कोई ऐसा दिन नहीं है कि खून, हत्या और बलात्कार की वारदात नहीं घट रही है.

लालू एम्स से जब मई महीने में डिस्चार्ज होकर रिम्स में इलाज के लिए गए तो उस समय वह करीब 15 बीमारियों से जूझ रहे थे. इन बीमारियों में टाइप टू डायबिटीज, हाइपरटेंशन, पेरिएनल एब्सेस, किडनी इंज्यूरी एंड क्रोनिक किडनी डिजीज, बाएं आंख में मोतियाबिंद, वॉल्व रिप्लेसमेंट और फैटी लीवर शामिल हैं.

लालू यादव, पिछले कई दिनों से जमानत पर थे, वह मुंबई में अपना इलाज करा रहे थे. लालू के सरेंडर करने से पहले गुरुवार को झारखंड विकास मोर्चा (JVM) चीफ बाबूलाल मरांडी ने रांची में उनसे मुलाकात की. लालू से मुलाकात करने के बाद बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राजनीति के कारण बीजेपी लालू यादव पर शिकंजा कस रही है. इस सरकार का बस चले तो दलितों की आवाज उठाने वालों पर गोली चलवा दे.

बीते 27 अगस्त को लालू की जमानत की मियाद पूरी हो रही थी. इससे पहले लालू ने अदालत से औपबंधिक जमानत की अवधि तीन महीने और बढ़ाने की अपील की थी जिसे अदालत ने अस्वीकार करते हुए उन्हें 30 अगस्त तक सीबीआई अदालत में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था.



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