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कलीमुद्दीन तुम्हारे हत्यारों को कोर्ट ने दी फांसी, लेकिन केंद्रीय मंत्री ने माला पहनाकर किया आरोपियों का स्वागत
देश में मॉव लिंचिंग को जघन्य अपराध की श्रेणी में रखने के बाद भी उनके आरोपियों का अगर स्वागत किया जाय तो इस तरह की घटना को बढ़ावा देना ही माना जायगा. पिछले साल झारखंड के हजारीबाग जिले के रामगढ़ में मॉव लिंचिंग के दौरान कलीमुद्दीन की गौमांस के चलते भीड़ ने पीट पीट कर मारडाला. यह खबर कई दिनों तक सुर्ख़ियों में रही. अब इस आरोप के सातों आरोपी जमानत पर बाहर आये है जिनका स्वागत केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने माला पहनाकर किया.
एक और जहाँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मॉव लिंचिंग का सख्त विरोध करते हों तब उनके मंत्रीमंडल के साथी मॉब लिंचिंग के आरोपियों का स्वागत करें बात समझ में नहीं आई. हाँ इतना जरुर है कि कलीमुद्दीन के हत्यारों को सजा दिलाये जाने की जगह उनका स्वागत करना एक सही कदम नहीं है. इस तरह इन घटनाओं को और बढ़ावा मिलेगा. जबकि हम सब चाहते है कि मॉव लिंचिंग से देश को निजात मिले. अगर आरोपियों को सरकार इस तरह स्वागत सम्मान देगी तो इन घटनाओं की पुनराव्रत्ति से कोई नहीं रोक सकता है.
मिली जानकारी के मुताबिक इन आरोपियों का केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने जेल से बाहर आने पर माला पहनाकर स्वागत किया. इस स्वागत के बाद पूरा विपक्ष हमलावर बना हुआ है. पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह मामला वेहद संवेदनशील था. मंत्री जयंत सिन्हा के द्वारा किया गया यह कार्य अनुचित है.
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि नरेद्र मोदी सरकार अपने किये वादों को निभाने में नाकाम रही है, इसलिए वो सम्प्रदायिक घटनाओं को बढ़ावा देने का काम कर रहे है. इस तरह की घटना अनुचित है. आरोपियों का स्वागत करना बिलकुल गलत है.
बता दें कि पिछले साल 27 जून को हजारीबाग जिले के रामगढ़ इलाके में 100 गौरक्षकों ने एक ट्रक में गौमांस ले जाने के शक में हमला बोला. इस हमले में ड्राइवर अलीमुद्दीन की पीट पीट कर हत्या कर दी गई.