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झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक, सुप्रीमो और झारखंड राज्य में दिशोम गुरु के नाम से प्रचलित शिबू सोरेन स्कूल के सिलेबस में पढ़े जाएंगे। झारखंड सरकार के इस निर्णय पर भारतीय जनता पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने बोकारो में इसकी घोषणा की है। शिक्षा मंत्री ने कहा है कि झारखंड आंदोलन से जुड़े बिनोद बिहारी, महतो, सुनील महतो को भी सिलेबस में शामिल किया जाएगा।
बता दें कि झारखंड सरकार के इस फैसले को सही बताते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन, विनोद बाबू और निर्मल महतो ने झारखंड के निर्माण में अहम योगदान दिया है। इन्हीं लोगों के प्रयास से 2000 में झारखंड अलग राज्य बना। आने वाली पीढ़ियों को उसके बारे में जानना चाहिए इसी उद्देश्य से इन्हें स्कूल के सिलेबस में शामिल किया जा रहा है।
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा है कि सभी लोगों को इसका समर्थन करना चाहिए क्योंकि सरकार स्कूली शिक्षा के लिए सही कदम उठा रही है।
वहीं, भाजपा के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कटाक्ष करते हुए पूछा है कि क्या सरकार बच्चों को शिबू सोरेन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बारे में भी बताएगी? साथ ही उन्होंने कहा कि गुरु जी ने 90 के दशक में केंद्र की नरसिम्हा राव सरकार से रुपए लिए और चुप हो गए थे। उस समय ही झारखंड अलग राज्य बनाने का बेहतर मौका था लेकिन गुरु जी की चुप्पी की वजह से यह नहीं हो सका। अटल बिहारी वाजपेई के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी तो अलग झारखंड राज्य बनाया जा सका। साथ ही बीजेपी प्रवक्ता ने यह भी पुछा है कि शिबू सोरेन पर संसद में वोट देने के लिए नोट लेने का भी आरोप है। ऐसे में हमारे बच्चे को इसकी जानकारी भी दी जाएगी।