बैंगलोर

राज्यसभा चुनाव: भाजपा हाईकमान ने कर्नाटक कोर कमेटी द्वारा सिफारिश किए गए तीनों नामों किये खारिज, दो नए उम्मीदवार उतारे

Shiv Kumar Mishra
8 Jun 2020 4:04 PM IST
राज्यसभा चुनाव: भाजपा हाईकमान ने कर्नाटक कोर कमेटी द्वारा सिफारिश किए गए तीनों नामों किये खारिज, दो नए उम्मीदवार उतारे
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पार्टी राज्य कोर कमेटी ने तीन नामों की सिफारिश की थी और उनमें से चुनने के लिए पार्टी आलाकमान को छोड़ दिया था. जिसे आलाकमान ने नामंजूर कर दिया है.

भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति ने दो लो-प्रोफाइल और पुराने समय के पार्टी कार्यकर्ताओं को उम्मीदवार के रूप में चुना है. जबकि अपनी राज्य कोर कमेटी के द्वारा भेजे गये तीन नामों की सूची को बीजेपी आलाकमान ने 19 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव लड़ने के लिए खारिज करते हुए दो नए उम्मीदवारों के लिए टिकट जारी कर दिए है.

प्रदेश इकाई द्वारा भेजे गये नाम के बजाय पार्टी आलाकमान ने दो पार्टी नए लेकिन पुराने समय के पार्टी कार्यकर्ताओं को अपने उम्मीदवारों के रूप में चुना है, जो क्रमशः बेलगावी और बल्लारी ज़ोन से एरना कड़ादी और अशोक गस्ती को टिकिट दिया है.

कड़ादी, जो तीन दशकों से पार्टी के कार्यकर्ता रहे हैं, और बेलगावी जिला पंचायत के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया. साथ ही वह प्रमुख पंचमशाली लिंगायत समुदाय से हैं.जबकि गस्ती ने कर्नाटक पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है.और वह पिछड़ी सविता समाज समुदाय से हैं.

जबकि भाजपा विधान सभा में अपनी वर्तमान संख्याबल के साथ दो सीटें आराम से जीत सकती है, पार्टी राज्य कोर कमेटी ने तीन नामों की सिफारिश की थी और उनमें से चुनने के लिए पार्टी आलाकमान को छोड़ दिया था. जिसे आलाकमान ने नामंजूर कर दिया है.

अनुशंसित नामों में शिक्षाविद प्रभाकर कोरे थे, होटल व्यवसायी प्रकाश शेट्टी; और रमेश कट्टी, जो कि असंतुष्ट नेता उमेश कट्टी के भाई, जो मंत्री पद नहीं मिलने से परेशान हैं.

यह राज्य भाजपा हलकों में कोर कमेटी, विशेष रूप से मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा द्वारा एक चतुर रणनीति के रूप में देखा जा रहा था, क्योंकि कट्टी बंधुओं को पार्टी हाईकमान से मिले निर्णय के आधार पर टिकिट नहीं मिला है. हालांकि, भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति ने सभी को आश्चर्यचकित किया और अपने स्वयं के उम्मीदवारों को चुना है.

हालांकि पार्टी के प्रमुख नेता, विशेषकर येदियुरप्पा खेमे से जुड़े लोगों की पसंद को तोड़ दिया गया है, पार्टी काडर इससे खुश है. "हम बहुत खुश है यह कहते हुए पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा, पहली बार, साधारण पार्टी कार्यकर्ताओं को राज्यसभा के लिए उम्मीदवार के रूप में चुना गया है.

यह येदियुरप्पा के लिए एक स्पष्ट और कड़े संदेश के रूप में भी देखा जा रहा है क्योंकि हाईकमान ने कोरे और शेट्टी दोनों की उम्मीदवारी को खारिज कर दिया है, जिन्हें उनके बहुत करीब कहा जाता था.

राज्य के कमेटी को इस समय भी महत्व नहीं मिला है क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण मोड़ पर आ गया है जब उत्तरी कर्नाटक के कुछ पार्टी विधायक, विशेष रूप से लिंगायत समुदाय के लोग जिनमें से येदियुरप्पा शामिल हैं,रात के खाने की बैठक आयोजित कर के उनके नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह का एक बैनर उठाया है. दिलचस्प बात यह है कि राज्यसभा के लिए दोनों उम्मीदवार उत्तर कर्नाटक से हैं.

सर्वसम्मति से चुनाव?

पार्टी हाईकमान द्वारा केवल दो उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के फैसले का परिणाम यह हो सकता है कि यदि कोई अन्य उम्मीदवार नामांकन दाखिल नहीं करता है, तो चुनाव में सभी चार उम्मीदवारों को बिना किसी चुनाव के निर्विरोध चुना जा सकता है।

जद (एस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एच.डी. देवेगौड़ा और दिग्गज कांग्रेसी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे विपक्षी दलों के उम्मीदवार हैं जो मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं।

Shiv Kumar Mishra

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