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पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा और उनके परिवार के कई सदस्यों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में दर्ज किया केस
कर्नाटक में लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार के एक मामले में पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और उनके परिवार के कई सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। लोकायुक्त पुलिस ने स्पेशल कोर्ट के निर्देश के बाद शुक्रवार (16 सितंबर 2022) को मामला दर्ज किया था।
यह आदेश कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा 7 सितंबर को स्पेशल कोर्ट को भ्रष्टाचार के मामले पर नए सिरे से सुनवाई करने के निर्देश देने के ठीक एक हफ्ते बाद आया है। मामले में येदियुरप्पा के बेटे बी वाई विजयेंद्र जोकि भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष हैं, पोते शशिधर माराडी, दामाद संजय श्री, व्यापारी चंद्रकांत रामालिंगम, विधायक और पूर्व बीडीए अध्यक्ष एसटी सोमशंकर, आईएएस जी सी प्रकाश, के रवि और विरुपक्षप्पा अन्य आरोपी हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता टीजे अब्राहम की शिकायत पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत FIR दर्ज की गई थी। एफ़आईआर में आरोप लगाया गया था कि आरोपी ने बैंगलोर विकास प्राधिकरण के कॉन्ट्रैक्ट देने के बदले में रिश्वत ली थी।
बिल्डर से रिश्वत लेने के आरोप: मामला बेंगलुरू के बिदारहल्ली के कोनादासपुरा में बीडीए अपार्टमेंट के निर्माण के लिए टेंडर देने का है। बीएस येदियुरप्पा पर आरोप है कि जब वह साल 2019 से 2021 तक मुख्यमंत्री थे, तब आरोपियों ने एक बिल्डर से रिश्वत ली थी, जिसे उनके स्वामित्व वाली शेल कंपनियों के माध्यम से भेजा गया था।
ये आदेश एक निजी शिकायत पर एडिशनल सिटी सिविल एंड सेशन जज कोर्ट की तरफ से दिए गए हैं। इस मामले में शिकायत निचली अदालत में 8 जुलाई 2022 को रद्द कर दी गई थी। तब शिकायतकर्ता टीजे अब्राहम को राज्यपाल से मंजूरी न मिलने के चलते यह फैसला लिया गया था। मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि शिकायतकर्ता राज्यपाल से मंजूरी लेने के लिए सक्षम प्राधिकारी नहीं था।
येदियुरप्पा ने दी सफाई: कोर्ट का आदेश आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने भी इस मुद्दे पर अपनी सफाई दी है। येदियुरप्पा ने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा, "किसी भी आरोप में कोई सच्चाई नहीं है। मैं इन सभी मामलों से बाहर आऊंगा। मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।" उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर यह उनके खिलाफ एक साजिश है।