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ग्रीनपीस इंडिया कार्यकर्ताओं ने किया ऐलान, पर्यावरण बचाने की लड़ाई जारी रहेगी
नई दिल्ली/बैंगलोर। 2 फ़रवरी 2019 : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के हमले के बावजूद ग्रीनपीस इंडिया जलवायु और पर्यावरण बचाने की लड़ाई को जारी रखेगा। ईडी के हमले के बाद आयी फंड संकट के बावजूद नई दिल्ली, पटना, बंगलोर में कार्यरत ग्रीनपीस कार्यकर्ताओं ने वॉलिंटियर के रुप में अपना काम जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई है।
ग्रीनपीस इंडिया की कैंपेन डायरेक्टर दिया देब ने कहा, इस तरह के हमले ग्रीनपीस को पूरे देश में पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन की लड़ाई से विचलित नहीं कर सकते। भारतीय नागरिक ग्रीनपीस इंडिया को इसलिए चंदा देते हैं क्योंकि वह साफ हवा, सुरक्षित भोजन और स्वच्छ ऊर्जा के अधिकार पर विश्वास करते हैं। हमें गर्व है कि हम हमेशा रिस्क लेकर देश के पर्यावरण नष्ट करने वाले वाले लोगों के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं और हम ऐसा करते रहेंगे। ग्रीनपीस इंडिया देश के हजारो लोगों, दानदाताओं, कार्यकर्ताओं और वॉलिंटियर का समूह है और आगे भी हम में से ज्यादातर लगातार वॉलिंटियर के रुप में काम करते रहेंगे।
दिया आगे कहती है, "सरकार सिर्फ हमारे बैंक खाते को बंद कर सकती है लेकिन ग्रीनपीस एक विचार है जिसे खत्म नहीं किया जा सकता है। भले ही हममें से ज्यादातर लोग ग्रीनपीस में काम नहीं कर रहे होंगे लेकिन पर्यावरण न्याय और शांति के लिये हमारे अभियान जारी रहेंगे"।
दिया ने जोड़ा, "ग्रीनपीस इंडिया ने हाल ही में देश की वायु गुणवत्ता पर एक रिपोर्ट जारी किया है। हमलोग लगातार सरकार को बेहतर नीतियां बनाने के लिये दबाव डालते रहेंगे। हमलोग लोगों के स्वास्थ्य के लिये स्वच्छ वायु की मांग जारी रखेंगे।"
ग्रीनपीस इंडिया के सबसे पुराने कर्मचारी सत्यपाल नौबतलाल ने भी भोपाल गैस त्रासदी से लेकर स्वच्छ ऊर्जा तक के अभियान में हिस्सा लिया है। उनका ग्रीनपीस इंडिया में कल आखिरी दिन था। वे कहते हैं, "मैंने ग्रीनपीस इंडिया को कई संकटों के वक्त देखा है और हम उनसे उबरे हैं। इस बार भी कुछ अलग नहीं है। लेकिन आज हम अपनी नौकरी छोड़ने को मजबूर हैं क्योंकि सरकार ने सारी असहमति की आवाज को दबाने का फैसला लिया है। लेकिन ग्रीनपीस इंडिया को चुप नहीं किया जा सकता। मुझे गर्व है कि मैं इस संगठन का हिस्सा हूं जो सच बोलने से कभी नहीं हटा। मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले दिनों में हमारे देशभर में फिर से दफ्तर खुलेंगे। अपने देश की साफ हवा, स्वच्छ ऊर्जा और सुरक्षित भोजन के लिये अभियान चलाना अपराध नहीं है।"
ग्रीनपीस इंद्रधनुषी उम्मीद की प्रतीक है। उम्मीद स्वच्छ, हरित और स्वस्थ्य धरती की, आने वाले भविष्य की और इस धनुष को खत्म नहीं किया जा सकता है।