बैंगलोर

कर्नाटक में एक लाख छात्र निजी स्कूल छोड़ सरकारी विद्यालय पहुंचे, जानिए क्यों?

Shiv Kumar Mishra
2 Dec 2020 12:12 PM GMT
कर्नाटक में एक लाख छात्र निजी स्कूल छोड़ सरकारी विद्यालय पहुंचे, जानिए क्यों?
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कर्नाटक में बड़े छोटे तक़रीबन 20 हज़ार निजी स्कूल हैं. इनकी भी आर्थिक हालात खराब है, बड़े पैमाने पर बच्चों ने नाम कटवा लिया है. अभिभावक फीस दे नही पा रहे हैं.

बेंगलुरु: कर्नाटक में करीब एक लाख छात्रों ने निजी स्कूल छोड़ सरकारी विद्यालयों में प्रवेश ले लिया है. कोरोना काल में माली हालत बिगड़ने के बाद उनके परिवारों ने मजबूरी में ये निर्णय लिया है.सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, कर्नाटक के कम खर्च वाले प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले करीब एक लाख छात्रों ने सरकारी स्कूलों का रुख किया है. उनके माता-पिता की आमदनी कम हुई है और वे फीस अदा नहीं कर पा रहे हैं.

ऑटो ड्राइवर अनंत नायक अपने बेटे मिथुन को प्राइवेट स्कूल भेजते थे, लेकिन अब‌ उसका दाखिला सरकारी स्कूल में करवाना पड़ा. अभी डेढ़ से तीन हज़ार का पढ़ाई का खर्च वो नहीं उठा पा रहे हैं. कोरोना की वजह से आमदनी कम हुई तो इसका असर बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ रहा है. अनंत कुमार ने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से हमारा धंधा मंदा है. स्कूल की फीस के साथ यूनिफॉर्म किताबों और कंप्यूटर लैब का खर्च इतना ज्यादा है कि उसके बूते के बाहर है. इसीलिए अब सरकारी स्कूल में अपने बेटे का दाखिला करवाया है.

20 हजार निजी स्कूलों पर भी मार

कर्नाटक में बड़े छोटे तक़रीबन 20 हज़ार निजी स्कूल हैं. इनकी भी आर्थिक हालात खराब है, क्योंकि बड़े पैमाने पर बच्चों ने नाम कटवा लिया है. अभिभावक फीस दे नही पा रहे हैं. सरकारी आंकड़ो के मुताबिक, 1 लाख के आसपास छात्रों ने छोटे बड़े निजी स्कूलों से नाम कटवाकर या तो सरकारी स्कूलों का रुख किया है या फिर शहर या राज्य छोड़ कर दूसरी जगहों पर चले गए हैं क्योंकि माता पिता के पास फीस देने के पैसे नही हैं.

Shiv Kumar Mishra

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