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कर्नाटक सीएम की रेस में दो नाम चर्चा में, येदियुरप्पा आज दे सकते हैं इस्तीफा
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। हाल ही में उन्होंने एलान किया था कि 25 जुलाई को अपनी सरकार के दो साल पूरा होने पर वह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के निर्देश का पालन करेंगे। येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद से हटने को तैयार होने के बाद भी भाजपा की दिक्कतें कम नहीं हुई है। क्योंकि उसे अब येदियुरप्पा का विकल्प ढूंढने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। प्रदेश के प्रमुख नेता बसवराज बोम्मई और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष के नाम भी प्रमुखता से चर्चा में हैं।
सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय नेतृत्व राज्य में ऐसे नेता को लाना चाहता है जो विवादित छवि से बाहर हो। प्रह्लाद जोशी इस कसौटी पर खरे उतरते हैं, लेकिन राज्य के नेताओं पर उनकी पकड़ को लेकर संदेह है। साथ ही जातीय समीकरणों में भी इससे दिक्कत आ सकती है। कर्नाटक की स्थिति को देखते हुए भाजपा नेतृत्व अपने इस फैसले को कुछ दिन के लिए टाल भी सकता है।
पार्टी के एक प्रमुख नेता ने कहा है कि अब जबकि येदियुरप्पा हटने के लिए तैयार हो गए हैं, तो आधी समस्या वैसे ही हल हो चुकी है। क्योंकि अब नेतृत्व को सिर्फ नया नाम तय करना है। जल्दबाजी करने से अच्छा है कि सारे विकल्पों और सारी स्थितियों पर विचार कर फैसला लिया जाए।
येदियुरप्पा का 26 जुलाई को मुख्यमंत्री के रूप में उनका आखिरी दिन हो सकता है। सीएम येदियुरप्पा ने कहा कि मुझे संतोष है कि इन सब चुनौतियों के बावजूद मैं लोगों के जीवन स्तर और उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए कदम उठा सका हूं। मैं चुनौती का सामना करने में लोगों के समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं। कर्नाटक की राजनीति में येदियुरप्पा काफी बड़ा नाम हैं। येदियुरप्पा का लंबा राजनीतिक जीवन शिकारीपुरा में पुरसभा अध्यक्ष के रूप में शुरू हुआ। पहली बार 1983 में शिकारीपुरा से विधान सभा के लिए चुने गए और वहां से आठ बार जीते। कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में यह उनका चौथा कार्यकाल है।
इस बीच उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे। सरकार गिराने में भी उनका नाम आया। यह कार्यकाल विवादों में घिर गया था क्योंकि कई भाजपा नेताओं ने येदियुरप्पा के खिलाफ खुले विद्रोह की घोषणा की थी। येदियुरप्पा ने कहा है कि सीएम की कुर्सी छोड़ने के बाद वह पार्टी के लिए काम करेंगे। साथ ही कहा, पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह और नड्डा का मेरे प्रति विशेष प्रेम और विश्वास है। आप जानते हैं कि 75 वर्ष की आयु पार करने वालों को कोई पद नहीं दिया गया है।