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कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है हाल ही में उन्होंने एलान किया था कि 25 जुलाई को अपनी सरकार के दो साल पूरा होने पर वह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के निर्देश का पालन करेंगे। अपने इस्तीफे का ऐलान करते हुए बीएस. येदियुरप्पा ने कहा कि उन्हें कर्नाटक के लोगों के लिए काफी काम करना है. हम सभी को मेहनत के साथ काम करना चाहिए.येदियुरप्पा ने कहा कि वह हमेशा अग्निपरीक्षा से गुजरे हैं।
बता दें कि कर्नाटक की सियासत को लेकर लंबे वक्त से कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं. हाल ही में बीएस. येदियुरप्पा ने नई दिल्ली आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी. तभी ये बात कही जा रही थी कि अब येदियुरप्पा अपना पद छोड़ सकते हैं।
येदियुरप्पा का 26 जुलाई को मुख्यमंत्री के रूप में उनका आखिरी दिन रहा। कर्नाटक की राजनीति में येदियुरप्पा काफी बड़ा नाम हैं। येदियुरप्पा का लंबा राजनीतिक जीवन शिकारीपुरा में पुरसभा अध्यक्ष के रूप में शुरू हुआ। पहली बार 1983 में शिकारीपुरा से विधान सभा के लिए चुने गए और वहां से आठ बार जीते। कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में यह उनका चौथा कार्यकाल है।
इस बीच उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे। सरकार गिराने में भी उनका नाम आया। यह कार्यकाल विवादों में घिर गया था क्योंकि कई भाजपा नेताओं ने येदियुरप्पा के खिलाफ खुले विद्रोह की घोषणा की थी। येदियुरप्पा ने कहा है कि सीएम की कुर्सी छोड़ने के बाद वह पार्टी के लिए काम करेंगे। साथ ही कहा, पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह और नड्डा का मेरे प्रति विशेष प्रेम और विश्वास है। आप जानते हैं कि 75 वर्ष की आयु पार करने वालों को कोई पद नहीं दिया गया है।