- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- Shopping
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
- Home
- /
- विविध
- /
- मनोरंजन
- /
- लाइफ स्टाइल
- /
- 5 बेटे, 1 बेटी फिर भी...
5 बेटे, 1 बेटी फिर भी 90 वर्षीय मां लावारिस, पड़ौसी बने सहारा सुनिए दर्दनाक कहानी
दुनिया का सबसे सुंदर संबंध मां और बच्चों का होता है, किंतु हरियाणा के फरीदाबाद में इस संबंध के प्रेमपूर्ण तार को तोडऩेवाली घटना सामने आई है। यहां की आदर्श कॉलोनी में रहनेवाली 90 वर्षीय वृद्घ महिला, जिनके आज भी 5 बेटा और 1 बेटी जीवित हैं, ङ्क्षकतु महिला इस उम्र के अंतिम पड़ाव में लावारिश की तरह अपनी जिंदगी जी रही है।
अब महिला का सहारा उसके पड़ोसी हैं। बेसहारा वृद्घ महिला की जानकारी महिला आयोग की सदस्य रेणु भाटिया को मिली, तो वह उनसे मिलीं और महिला को वृद्घाश्रम में ले जाने की इच्छा व्यक्त की किंतु वृद्घ महिला ने अपने पड़ोसी पर भरोसा जताकर वृद्घाश्रम में जाने से मना कर दी।
लगभग 90 वर्षीय वृद्घा का नाम वीरमा है। उन्होंने 5 पुत्र और 2 पुत्री को जन्म दिया था, जिसमें एक पुत्री की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि मेहनत-मजदूरी करके खुद का और बच्चों का पालन-पोषण किया। इतना ही नहीं पंचकुला में पूर्व क्रिकेटर कपिल देव के भाई के पास से थोड़ी जमीन लेकर होटल भी चलाई, किंतु कुछ दिनों के बाद वह अपने बच्चों के साथ फरीदाबाद आकर रहने लगी। उसके बच्चे उसे अकेले छोडक़र चले गए। तभी से वह अकेली ही रहती है। वृद्घ महिला ने कहा कि उसके पड़ोस में रहनेवाली 2 महिलाएं उसकी अच्छी तरह से देखरेख कर रही हैं, उनकी देखभाल से वह खुश हैं।
पड़ोसी महिला ने कहा कि वृद्घा उनके पड़ोस में रहती थी, जिनका वह पिछले 1 वर्ष से देखभाल कर रही हैं। महिला आयोग की सदस्य रेणु भाटिया अनुसार, उसे ऐसी महिला की जानकारी मिली कि वल्लभगढ के आदर्श कॉलोनी में एक 90/92 वर्ष की वृद्घ महिला किसी के सहारे के बिना जिंदगी जी रही है। जानकारी पाते ही रेणु ने रेडक्रॉस की मदद से महिला को वृद्घाश्रम में जाने की पहल की तो उन्होंने मना कर दिया। उनका कहना है कि वे अपने पड़ोसियों की सेवा से काफी खुश हैं और खुद उनके साथ ही रहना चाहती हैं।