- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
- Home
- /
- विविध
- /
- मनोरंजन
- /
- लाइफ स्टाइल
- /
- बालों को कलर करने वाले...
बालों को कलर करने वाले सावधान, हो सकता है बड़ा नुकसान
ट्रेंडी लुक पाने के लिए हम अक्सर हेयर कलर्स और हेयर डाईज का इस्तेमाल करते हैं। बाजार में इनके बहुत से ऑप्शन मौजूद हैं। इसलिए इनकी जानकारी होना जरूरी है। लेकिन कई बार फैशन के चक्कर में हम कई ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिसका खामियाजा हमें कई तरह से भुगतना पड़ता है। बालों में कलर लगाने का जो फैशन इन दिनों चल पड़ा हैं, उसके कई साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं।
डॉ. अप्रतीम गोयल के अनुसार, बालों को रंगने के लिए जिन कलर्स का उपयोग होता है, उनमें पैराफेनीलेनेयमिन नामक रसायन होता है। इससे कुछ लोगों को एलर्जी हो सकती है। इसका टेस्ट करने के लिए कान के पीछे थोड़ा-सा कलर लगाएं और 24 घंटे रहने दें। यह संक्रमण नहीं होता है तो कलर का उपयोग किया जा सकता है। इसे पैच टेस्ट कहा जाता है।
- जिन हेयर कलर्स का हम इस्तेमाल करते हैं, उनमें एक प्रकार का 'परसल्फेट' नाम का केमिकल पाया जाता है, जो अस्थमा के रोगियों के लिए घातक होता है, इसकी गंध से ही रोगी को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
- यदि आपकी त्वचा संवेदनशील है तो इन हेयर कलर्स का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे बहुत जल्द एलर्जी की समस्या हो सकती है। कई बार लोगों को खुजली या लाल फुंसियों की भी समस्या हो जाती है।
- यदि आप हेयर कलर्स का इस्तेमाल बार-बार करते हैं तो आपको बाल टूटने की भी समस्या हो सकती है। साथ ही आपके बालों की गुणवत्ता भी प्रभावित हो सकती है। दरअसल इसका मुख्य कारण यह है कि हेयर कलर में जो कैमिकल उपयोग में लाए जाते हैं, वे जरूरी नहीं कि आपके शरीर से सामंजस्य स्थापित कर सकें।
- जब हम हेयर कलर अपने बालों पर लगाते हैं, तब हेयर कलर हमारे आंखों में जा सकता है, जिससे हमारी आंखों की रोशनी भी कम हो सकती है। क्योंकि इसमें ऐसे घातक रसायन होते हैं, जो रेटिना को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- लगातार हेयर डाई के इस्तेमाल से इसमें पाए जाने वाले केमिकल्स हमारी बालों की ग्रोथ के लिए समस्या पैदा कर सकते हैं, जिस वजह से गंजापन होने की दिक्कत भी आ सकती है।
- हम जो भी कलर डाई उपयोग करते हैं, कुछ केमिकल्स ऐसे भी होते हैं जो शरीर में कैंसर के खतरे को बढ़ावा देते हैं। इससे त्वचा कैंसर का खतरा रहता है। इसलिए यह जरूर ध्यान रखें कि एक-दो बार लगाने के बाद ही यदि स्किन एलर्जी होने लगे तो उस हेयर कलर को तत्काल बंद कर देना चाहिए। एक रिसर्च से यह बात सामने आई है कि जिन महिलाओं ने 1980 से पहले हेयर डाई का इस्तेमाल किया था, उन महिलाओं में कैंसर का खतरा ज्यादा दिखा।
- बाजार से कोई भी सस्ता हेयर कलर देखकर ना खरीदें और उसका इस्तेमाल ना करें। हेयर कलर खरीदते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि वह अमोनिया फ्री है या नहीं। यदि सिर में चोट लगी है या खुला घाव है तो उस स्थिति में हेयर कलर का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। यदि आप पहली बार कलर का उपयोग कर रहे हैं तो थोड़ा सा इस्तेमाल करके देखना चाहिए, ताकि पता चल सके कि इससे एलर्जी तो नहीं हो रही है। हेयर कलर लगाने से पहले उसके आवश्यक निर्देश जरूर पढ़ लेना चाहिए और उसे बच्चों की पहुंच से भी हमेशा दूर रखना चाहिए।