- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- Shopping
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
- Home
- /
- विविध
- /
- मनोरंजन
- /
- लाइफ स्टाइल
- /
- संजय लीला भंसाली की...
संजय लीला भंसाली की शानदार फिल्म गोलियों की रासलीला राम-लीला के पूरे हुए 10 साल
"गोलियों की रासलीला राम-लीला" के शानदार 10 साल पूरे होने पर भंसाली प्रोडक्शंस ने सोशल मीडिया पर इस सफर को याद किया है। इस मौके पर उन्होंने एक खास वीडियो शेयर की जिसमें 10 साल के सफर और पुरानी यादों को दर्शाया गया है। इसके साथ उन्होंने एक कैप्शन लिखा जो फिल्म के सार से मेल खाता था, "एक दशक की शानदार केमिस्ट्री, जोशीले जुनून और लुभावने किरदारों के लिए। #10YearsOfRamLeela के साथ राजाड़ी और सनेरा के बीच प्यार की जंग का जश्न मना रहा हूं।''
ये फिल्म जो 2013 में रिलीज़ हुई थी, ने न सिर्फ भारतीय सिनेमा में एक नए युग की शुरुआत की, बल्कि फिल्ममेकर संजय लीला भंसाली के लिए बड़ी सफलताओं की एक सीरीज के लिए मंच भी तैयार किया। "राम-लीला" के साथ, संजय लीला भंसाली ने गर्व से भारत की समृद्ध टेपेस्ट्री और संस्कृति को दुनिया के सामने लाने में अपनी महारथ का प्रदर्शन किया और एक सिनेमैटिक मास्टरपीस बनाई जिसने आधुनिकता को अपनाने के साथ-साथ परंपरा का जश्न मनाया।
"राम-लीला" सिर्फ एक फिल्म नहीं थी, बल्कि यह एक शानदार अनुभव था जो राजाडी और सनेरा के बीच प्रेम के एक इमोशनल वॉर की पृष्ठभूमि में सामने आया। भंसाली प्रोडक्शंस के सोशल मीडिया पोस्ट ने फिल्म के सार - शानदार केमिस्ट्री, उग्र जुनून और लुभावने किरदारों को बखूबी दर्शाया है। वीडियो, यादगार सीन्स और झलकियों का एक मोंटाज है, जो 10 साल बाद भी लोगों को प्रभावित कर रहा है और उन्हें फिल्म की यादों में ले जाता है।
फिल्म के हर पहलू में बुनी गई प्रतिभा के कारण "राम-लीला" की सफलता कई तरह की थी। संगीत, दिल को झकझोर देने वाली सिम्फनी जिसे खुद संजय लीला भंसाली ने कंपोज किया था, कोरियोग्राफी गणेश आचार्य की थीं और कॉस्टयूम डिजाइन, रंगों और बनावट का एक जीवंत कैनवास है। "राम-लीला" किसी विजुअसल ट्रीट जैसी थी, जो ग्रैंड सेट बनाने की भंसाली की क्षमता का प्रमाण था, जिसने दर्शकों को सिनेमाई भव्यता की दुनिया में पहुंचा दिया और रवि वर्मन की गहरी नजर के तहत सिनेमैटोग्राफी ने हर फ्रेम को कला के काम में बदल दिया।
राम-लीला के दिल में थी इसकी रणवीर सिंह- दीपिका पादुकोण की मुख्य जोड़ी, जिसके बीच पूरी फिल्म में इलेक्ट्रिक केमिस्ट्री थी। उनकी ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री के जादू ने ना सिर्फ राम और लीला के किरदारों को जीवित किया, बल्कि सिनेमा जगत की जोड़ियों के लिए भी एक स्टैंडर्ड सेट किया। ऐसे में फिल्म के 10 साल बाद भी उनकी जोड़ी दर्शकों के दिल और दिमाग में बनी हुई है और यही चीज इस फिल्म को एक टाइमलेस लव स्टोरी बनाती है।
राम लीला ना सिर्फ एक मनोरंजक फिल्म है, बल्कि साथ में यह सनजय लीला भंसाली की असली विरासत का प्रतिक भी है। उनकी भारतीय कहानियों को बेहद अनोखे ढंग से बताने की खासियत, उनके भारतीय सिनेमा के सच्चे उत्तराधिकारी होने का प्रमाण था। इस तरह से मॉडर्न और परंपरा के सहज मेल के साथ भारतीय कहानियों को सबसे प्रामाणिक तरीके से बताने की उनकी क्षमता, उनके निर्देशन कौशल की पहचान बन गई है।