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- मध्य वर्ग की हालत सबसे...
मध्य वर्ग की हालत सबसे ज्यादा खराब है, जानते हो क्यों?
- इन वर्गों की आय निम्न स्रोतों से है।..........
#तनख्वाह,, पिछले तीन साल से बढ़ी नही है, निजी क्षेत्र अब आगे तनख्वाह कम करेगा, सैलेरी पैकेज ग्रोथ बाजार के ठीक होने तक बिल्कुल नहीं होगी, सरकार भी अगले बरस तक महंगाई भत्ता नही देने की घोषणा कर चुकी हैं, निजी क्षेत्र तीस प्रतिशत से पचास प्रतिशत तक तनख्वाह कम कर सकता है।
#ब्याज से होने वाली आय भी नही के बराबर रहने वाली है,बैंकों ने सावधि जमा पर ब्याज पांच प्रतिशत कर दिया है,वो ना के बराबर है,बचत खाते में तीन प्रतिशत हो गई है,ऊंट के मुंह में जीरा। मध्यम वर्ग अपनी बचत को असुरक्षित ऋण के रूप में अपने परिचित रिश्तेदार को भी ब्याज पर रकम मुहैया करता है,ट्रेड एण्ड इन्ड्रस्टी के हाल खराब है,ब्याज समय पर मिलना भी आगे बड़ा मुश्किल है,रकम के डुबोने का खतरा बना रहेगा।
#किराया शहरों से नौकरी धंधा ना रहने से पलायन होगा, जिससे व्यवसायिक,गैर व्यावसायिक सम्पत्ति की मांग कम होगी,अगले तीन महीने में लॉक डाउन खुलते ही बहुत सी महंगे किराये वाली सम्पत्ति खाली होगी,किराया कम ज्यादा करने के लिए मोल भाव चलेंगे, मध्यम वर्ग ने बैंक लोन व अपनी बचत से अतिरिक्त सम्पत्ति बनाई थी उसका उद्देश्य किराये से आय पैदा करना और एक सम्पत्ति का मालिक बनना था, ज्यादा तर सम्पत्तियो पर लोन है, सम्पत्ति मालिक भी परेशान हैं,हर महीने ऋण की किस्त अदा करनी है, किराया कम होने ,खाली होने पर किस्त के बोझ के साथ सम्पत्ति के जाने का भय भी रहेगा।
#व्यवसाय,के हालात खराब रहने वाले हैं,आगे जरूरी उत्पाद के अलावा अन्य क्षेत्रों में मांग नही के बराबर रहने वाली है,जो लोग अपना व्यापार,काम धंधा, उत्पाद कर रहे हैं,उन सबका किराया,ब्याज तनख्वाह, सरकारी खर्च निकालना लगभग नामुमकिन रहने वाला है,काम करे या ना करे में निर्णय करना बडा कठिन रहने वाला है।
#प्रोफेशनलस् में डाक्टर को छोड़ वकील, चार्टेड एकाउंटेंट, इन्जनीयरींग, कन्सल्टिंग फर्मस् फिजियोथैरेपिस्ट, व्याख्याता,आदि की मांग कम रहने वाली है , मध्यम वर्ग, का एक बड़ा तबका पढ लिख कर अपनी सेवाएं प्रदान करता है,इस क्षेत्र में आगे सम्भावना कम रहेगी खर्च यथावत रहेंगे।
#निवेश ,आदि में परिणाम लेना बडा कठिन काम होता है,शेयर, म्युचुअल फंड,स्वर्ण,जमीन जायदाद के भाव ना बढने है,ना इस बात का पता चल सकता है,कब ज्यादा होंगे,यह निवेश मध्यम वर्ग के लिए डेड इन्वेस्टमेंट रहने वाला है, मध्यम वर्ग की तिजोरी में सड़ने वाला निवेश,और कब भाव औंधे पड जाये कोई नही जानता।
मध्यम वर्ग, उच्च मध्यम वर्ग जो दो साल पहले तक सबसे सुरक्षित जोन में था अब आगे 1000 दिन सबसे असुरक्षित जोन में है।अपने लिए बनाई दुनिया, सुविधाओं के बोझ तले दबने वाला है,कार मकान की किस्त बच्चों की शिक्षा, मेडीकल को जो बिना दबाव झेल लेगा वो ही अपने को सुरक्षित समझे।
यह और तय है इस वर्ग पर सरकार निर्भर है,यह वर्ग किसकी तरफ देखे?.........