- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
- Home
- /
- मनोरंजन
- /
- लाइफ स्टाइल
- /
- कड़ाके की ठंड में...
कड़ाके की ठंड में सर्दी-जुकाम से बचा सकते हैं ये 3 तरह के तेल
नई दिल्ली। दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में इस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही है। यहां का न्यूनतम तापमान लगातार लुढ़क रहा है और ये अनुमान है कि 3 डिग्री या इससे और नीचे भी जा सकता है। बहुत मुमकिन है कि 2019 का दिसंबर पिछले 118 सालों में सबसे ज्यादा ठंडा दिसंबर बन जाए।
वहीं सर्दी बढ़ने के कारण लोगों को स्वास्थ्य से जुड़ी कई परेशानियां हो रही हैं। ज्यादातर लोग इस समय सर्दी-जुखाम, फेफड़ों से जुड़ी परेशानियां और हड्डियों के दर्द आदि का सामना कर रहे हैं। वहीं हम जैसे ही बीमार पड़ते हैं, हम सभी विभिन्न प्रकार के घरेलू उपचारों की कोशिश करते हैं, जिससे हमें सर्दी-जुकाम और खांसी से छुटकारा मिल सके। एक और घरेलू उपाय है जो एक खांसी को शांत करने और आपको कुछ राहत प्रदान करने में मदद कर सकता है। वो हैं ये 3 आवश्यक तेल जिसकी मदद से आप सर्दी और खांसी से राहत पा सकते हैं। आइए जानते हैं इन तीन प्रकार के तेलों के बारे में।
नीलगिरी का तेल कफ और अन्य सांस से जुड़ी समस्याओं जैसे कि ब्रोंकाइटिस, इंफेक्शन और साइनसाइटिस के इलाज के लिए जाना जाता है। अध्ययनों से पता चलता है कि नीलगिरी का तेल आपके प्रतिरक्षा प्रणाली (इमिन्यूटी) को मजबूत करता है, जो बाहरी बैक्टीरिया को अधिक प्रभावी ढंग से लड़ सकते हैं। नीलगिरी तेल का उपयोग एक प्रसिद्ध औषधीय भांप तैयार करने के लिए भी किया जाता है, जिसका उपयोग दुनिया भर में सर्दी और खांसी के इलाज के लिए किया जाता है। ये तेल कंजेशन से राहत दिलाता है और आपको रात में बेहतर नींद लेने में मदद करता है।
रोजमेरी का उपयोग केवल खाने के स्वाद बढ़ाने वाले अएजेंट के रूप में ही इस्तेमाल नहीं किया जाता है बल्कि ये अपने औषधीय गुणों के लिए भी जाना जाता है। रोजमेरी का तेल सुखदायक और दिमाग के लिए शांत प्रभाव डालने वाला होता है। यह आपके श्वासनली की मांसपेशियों को शांत कर सकता है, जो आपको आसानी से सांस लेने में मदद करेगा। रोजमेरी का तेल का उपयोग अस्थमा के इलाज और सूजन को कम करने के लिए भी किया जाता है। यह तेल छाती की कंजेशन को ठीक करने के लिए उपयोग किया जाता है।
थाइम के पत्ते खांसी से लड़ने वाले गुणों से भरे होते हैं। यह एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुणों से भरा हुआ है। अध्ययनों से पता चलता है कि थाइम तेल एक उत्कृष्ट एंटी-माइक्रोबियल एजेंट है, जो विभिन्न श्वसन स्थितियों से राहत पाने में मदद कर सकता है।