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सीमा सहाय(लेखिका)
विज्ञान आज हमारी आम जिंदगी का भी एक अहम हिस्सा बन चुका है। हम अपनी रोजमर्रा की दिनचर्चाओं में भी विज्ञान को समेटे हुए हैं। शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र होगा जहां विज्ञान का प्रभाव नहीं पड़ा हो। विज्ञान के बिना हमारा जीवन अधूरा सा लगता है। विज्ञान अवश्य ही हमारे लिए वरदान होता जा रहा है लेकिन यह भी एक कटु सत्य है कि विज्ञान के दुरुपयोग भी हो रहे हैं। विश्व को विनाश से बचाने और विज्ञान को जनजन तक लोकप्रिय बनाने तथा विज्ञान के प्रति रुचि जगाने के लिए यूनेस्को और अंतरराष्ट्रीय विज्ञान परिषद ने सन्1999 ई. में हंगरी के बुडापेस्ट में विश्व विज्ञान सम्मेलन में विश्व विज्ञान दिवस मनाने का निर्णय लिया गया ।
यूनेस्को ने 2001में आधिकारिक रूप से 10नवंबर को विज्ञान दिवस मनाने की घोषणा की। पहला विश्व विज्ञान दिवस 10नवंबर 2002को मनाया गया। यूनेस्को और विश्व विज्ञान परिषद मिलकर प्रत्येक वर्ष इस सम्मेलन का विषय चुनती है।इसका उद्देश्य सार्वजनिक रूप से विश्व को शाँति और विकास के कार्यों में विज्ञान के योगदान और विज्ञान के प्रति आमजनों में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। इसदिन सभी शैक्षणिक संस्थानों, वैज्ञानिक प्रयोशालाओं और सभी वैज्ञानिक लैब और संस्थाओं में वैज्ञानिक गतिविधियां आयोजित की जाती हैं।