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मध्यप्रदेश की बड़ी खबर, फ्लोर टेस्ट न होने पर बीजेपी ने सुप्रीमकोर्ट में लगाई याचिका
भोपाल। मध्यप्रदेश से अब एक बड़ी खबर सामने आई है। जिसके अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सभी विधायकों को लेकर सदन में पहुंचे उसके बाद सभी विधायकों समेत राजभवन पहुँच गये। अब बीजेपी ने सुप्रीमकोर्ट में विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय के खिलाफ गये है। बहुमत परीक्षण कराने की मांग को लेकर शिवराज सिंह चौहान सहित अन्य ने याचिका दाखिल की। याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट स्पीकर को आदेश दे कि 12 घंटे में बहुमत परीक्षण कराए।
बीजेपी के बाद अब मध्यप्रदेश काँग्रेस भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सकती है। काँग्रेस के सूत्रों का कहना है कि बैंगलोर में जिन विधायकों को रखा गया है उनको लेकर को कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने की तैयारी में है।
आज क्या हुआ सदन में
एमपी में विधानसभा का सत्र की शुरुआत महामहिम राज्यपाल लालजी टंडन के अभिभाषण से हुई। इस दौरान पक्ष -विपक्ष का जोरदार हंगामा हुआ। एक मिनट के राज्यपाल के अभिभाषण के बाद सदन में पक्ष-विपक्ष ने जमकर नारेबाजी की। विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति लगातार विधायकों को शांत करने में जुटे रहे , लेकिन वे नही माने। इसके बाद पांच मिनट के लिए विधानसभा स्थगित कर दी गई लेकिन तब भी विधायकों का हंगामा जारी रहा, विपक्ष लगातार फ्लोर टेस्ट की मांग पर अड़ा रहा। इसके बाद कार्यवाही 26 मार्च तक स्थगित कर दी गई। बताया जा रहा है कोरोना वायरस के चलते विधानसभा की कार्यवाही स्थगित की गई है। हालांकि विधानसभा के बाहर विधायकों का हंगामा जारी है।
विधानसभा में मंत्री राठौर, साधौ, पटवारी,पीसी, जयवर्धनऔ और अकील ने सीएम से चर्चा की। सदन में जैसे ही डॉ गोविंद बोलना शुरु हुए शिवराज बोले महामहिम ये सरकार अल्पमत में है।इस पर सज्जन ने कहा जब से सरकार गई शिवराज जी को नीन्द नहीं आ रही। वही सचिन यादव ने कहा कि पहले लदे थे गोरों से हम लड़ेंगे चोरों से।
कांग्रेस विधायकों ने बाहर निकलकर भारत माता की जय के नारे लगा रहे है। वही कांग्रेस विधायकों के चेहरे पर खुशी दिखाई दे रही है। बीजेपी-कांग्रेस के विधायकों वापस होटल लौट रहे है। कहा जा रहा है कि 26 मार्च तक सभी विधायक होटल में रुकेंगे। भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। फिलहाल कमलनाथ सरकार से खतरा टल गया है। अब सबकी निगाहें इसी पर है कि अगला कदम क्या होगा।राज्यपाल को अपना फैसला लेना है, हालांकि राष्ट्रपति शासन की अटकलें भी तेज है। कहा जा रहा है कि अगर राज्यपाल से स्थिति नही संभलती है तो राष्ट्रपति शासन लगा सकती है। मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच सकता है। फिलहाल कुछ कहा नही जा सकता।
वही विधानसभा के बजट सत्र में महामहिम राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने अपने अभिभाषण में स्पीकर और सदन में सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार अपने वचनपत्र पर अमल कर सरकार प्रदेश की एक नई तस्वीर बनाने में कामयाब होगी।अभिभाषण के पश्चात राज्यपाल ने कहा कि सभी अपने अपने दायित्वों को निभाएं, उन्होने कहा कि संविधान द्वारा निर्देशित नियमों का साथ जिसका जो दायित्व है, वो उसका पालन करें। मध्यप्रदेश की जौ गौरवशाली लोकतांत्रिक परंपरा है सभी उसका निर्वहन करें।
इसके पहले विधानसभा में अध्यक्ष एनपी प्रजापति की उपस्थिति में वंदे मातरम का गान हुआ, इसके बाद अध्यक्ष अपनी कुर्सी छोड़कर नीचे उतरे और सभी सदस्यों का अभिवादन किया। इसके बाद सभी को राज्यपाल लालजी टंडन के विधानसभा सत्र के अभिभाषण का इंतजार करने लगे।