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- मुरलीधर के बयान पर...
मुरलीधर के बयान पर भाजपा मौन, दुखी हैं पार्टी के वरिष्ठ नेता
भोपाल। प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं को नालायक बताने वाले अपने बयान पर भाजपा प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने अब तक कोई सफाई नही दी है। न ही पार्टी नेतृत्व ने इस ओर कोई ध्यान दिया है।लेकिन पार्टी के बड़े और स्थापित नेता इस बयान से खासे आहत हैं।उन्हें लगता है कि यह उनका अपमान है।पार्टी नेतृत्व को ऐसे बयानों का संज्ञान लेना चाहिए।
पार्टी नेताओं का एक बड़ा वर्ग भी इस तरह के बयान से सहमत नही है।लेकिन वे अमित शाह के करीबी मुरलीधर राव के इस बयान पर खुल कर प्रतिक्रिया देने से बच रहे हैं। कुछ वरिष्ठ नेताओं ने जरूर अपनी प्रतिक्रिया दी है।उन्होंने साफ कहा है कि यह तो सरासर अपमान है।
उल्लेखनीय है कि मुरलीधर राव ने तीन दिन पहले भोपाल में एक कार्यक्रम में कहा था कि जो नेता चार चार चुनाव जीतने के बाद भी कहते हैं कि उन्हें मौका नही मिल रहा।इतना मिलने के बाद भी रोते हैं कि उन्हें कुछ नही मिला तो उंनसे ज्यादा नालायक कोई नही है।ऐसे लोगों को कुछ मिलना भी नही चाहिए।
राव के इस बयान के बाद प्रदेश भाजपा के कई वरिष्ठ नेता सकते में हैं।उन्हें लग रहा है कि यह बयान उन्हें लक्ष्य करके दिया गया है।पार्टी के भीतर अपने दायरों में वे बात कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के "सहयोग" से बनी प्रदेश सरकार में भाजपा ने अपने कई प्रमुख नेताओं को घर बैठा दिया है।इनमें वे विधायक भी शामिल हैं जो 5-6 बार चुनाव जीत चुके हैं।कांग्रेस से आये लोगों को जगह देने के लिए इन लोगों को बाहर रखा गया है।इन नेताओं में ज्यादा संख्या उन लोगों की है जो पार्टी की राजनीति में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी वरिष्ठ हैं।
उज्जैन के 6 बार के विधायक एवं पूर्वमंत्री पारस जैन ने कहा है-अगर नालायक होते तो 6 बार विधानसभा चुनाव कैसे जीतते!मैंने पार्टी से कभी कुछ नही मांगा।जब भी मिला पार्टी ने दिया और भगवान दिया।हां मध्यप्रदेश में कोई नालायक नही है। सब लायक हैं।
विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ विधायक डाक्टर सीताशरण शर्मा को राव के इस बयान और भाषा पर आपत्ति है।उनका कहना है-अपनी मेहनत,ईमानदारी और सिद्धांतों की बजह से चुनाव जीतते रहे हैं।किसी की दया पर राजनीति नही की है।अपमानित होने के लिए राजनीति में नही आये हैं।उल्लेखनीय है कि डाक्टर सीताशरण के खिलाफ पिछले चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा के ही वरिष्ठ नेता सरताज सिंह को उतारा था।लेकिन वे भी उन्हें हरा नही पाए थे।होशंगाबाद जिले में उनके परिवार का खासा रसूख है।उनके भाई भी विधायक रहे हैं।
मन्दसौर से 8 बार लोकसभा सदस्य रहे डाक्टर लक्ष्मी नारायण पांडे के पुत्र व तीन बार केक़ विधायक राजेन्द्र पांडे कहते हैं-हम दो तीन पीढ़ियों से सेवा कर रहे हैं।तप किया है।यह अपमान करने वाली अभिव्यक्ति है।मन को दुख हुआ।
अपने इस बयान पर मुरलीधर राव ने अभी तक कोई सफाई नही दी है।लेकिन शिवराज सरकार के प्रवक्ता और राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने यह कह कर उनका बचाव किया कि राव ने किसी व्यक्ति विशेष के लिए यह बात नही कही है।वे किसी विचार या व्यवहार के बारे में बोल रहे होंगे।
ऐसी ही बातें कुछ अन्य विधायकों ने कही हैं।कुछ विधायक मुरलीधर राव को अहिन्दीभाषी होने का लाभ दे रहे हैं।उनका कहना है कि हिंदी भाषी नही हैं।इसलिए शब्द के चयन में गलती हुई होगी।राव का बचाव करने वालों में वे विधायक भी शामिल हैं जो शिवराज की पिछली सरकार में मंत्री थे।इस समय भूतपूर्व मंत्री का तमगा लिए घूम रहे हैं।
उधर अपनी ही सरकार और पार्टी के कुछ फैसलों पर सवाल उठाने वाले वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने अलग ढंग से प्रतिक्रिया दी है।उनका कहना है-बॉस इस ऑलवेज राइट!वह हमारे नेता हैं।उन्हें रोक तो नही सकते।इसमें बुरा मानने की बात नही है।
लेकिन कुछ नेता राव के शब्दों से बुरी तरह आहत हैं।एक वरिष्ठ नेता नाम न उजागर करने की शर्त पर कहते हैं-राव की बात का क्या बुरा मानना।कुछ साल पहले अमित शाह ने भोपाल के समन्वय भवन में सुंदरलाल पटवा,कैलाश जोशी और बाबूलाल गौर सहित तमाम बड़े नेताओं के सामने जिस लहजे में बात की थी,उसकी तुलना में नालायक की संज्ञा तो कुछ भी नही है।सत्ता के लिए जिस तरह के समझौते पिछले सात आठ साल में हुए हैं वे पार्टी की विचारधारा के अनुरूप नही हैं।ऐसा करने वाले लोगों की नजर में वे सब लोग नालायक ही होंगे जो विचार और सिद्धांत की लड़ाई लड़ते रहे।लेकिन सत्ता हासिल नही कर पाए। दरअसल मुरलीधर राव की भाजपा वह भाजपा नही है जिसे अटल जी,आडवाणी जी,ठाकरे जी,जोशी जी जैसे नेताओं ने खड़ा किया था।यह भाजपा सत्ता के लिए किसी से भी समझौता कर रही है।इसकी नजर में हम नालायक ही होंगे।लेकिन इन्हें यह ध्यान रखना चाहिये कि अगर ये "नालायक" नही होते तो आज उन्हें यह कहने का मौका नही मिलता।
उधर यह भी पता चला है कि मुरलीधर राव अपनी बात से पीछे हटने को तैयार नही हैं।हां वे भोपाल स्थित भाजपा कार्यालय से यह जरूर पूछ रहे हैं कि उनके इस बयान पर मीडिया चर्चा क्यों कर रहा है।
फिलहाल "संस्कारवान पार्टी" के नेता के इस बयान ने उसके संस्कारों पर ही सवालिया निशान लगा दिया है।