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मध्यप्रदेश में यूथ विंग की गलती से शर्मसार हुई कांग्रेस, चुनावों में BJP नेता को बना दिया अपना महासचिव
भोपाल : मध्य प्रदेश में कांंग्रेस (MP Congress) को तब शर्मिंदा होना पड़ गया, जब पार्टी के यूथ विंग ने अपने एक बडे़ पोस्ट के लिए बीजेपी के एक नेता को चुन लिया. दरअसल, यूथ कांग्रेस के नए महासचिव का नाम जो चुनकर आया, वो कई महीने पहले ही पार्टी छोड़कर बीजेपी जॉइन कर चुके हैं. नेता के 'चुनाव' को अब कैंसल कर दिया गया है लेकिन इस घटना को एक बार फिर इस लाइन के साथ पार्टी पर हमला करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है कि पार्टी जमीनी हकीकत से बिल्कुल ही दूर है.
शुक्रवार को बीजेपी नेता हर्षित सिंघई, तब हैरान रह गए, जब उनको जबलपुर में उनके नए 'पोस्ट' के लिए बधाईयां मिलने लगीं. उन्होंने मार्च में ही कांग्रेस छोड़ दी थी. वो उन कांग्रेस विधायकों और कार्यकर्ताओं में शामिल थे, जिन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ पार्टी छोड़कर बीजेपी जॉइन की थी. लेकिन कांग्रेस के रिकॉर्ड में पिछले नौ महीनों में भी यह अपडेट नहीं हुआ है.
यूथ कांग्रेस का सांगठनिक चुनाव शुक्रवार को खत्म हुआ था और हर्षित सिंघई का 'चुनाव' 12 वोटों से हुआ था. हैरान सिंघई ने रिपोर्टरों को बताया, 'सबसे हास्यास्पद है कि इन चुनावों में किसी को भी दिलचस्पी नहीं थी और मुझे महासचिव चुन लिया गया. मैंने 10 मार्च को ही सिंधिया जी के साथ कांग्रेस छोड़ दी थी. मैंने तीन साल पहले यूथ कांग्रेस में अपना यह नॉमिनेशन डाला था.'
उन्होंने बताया कि नॉमिनेशन फाइल होने के बाद यह चुनाव टलते जा रहे हैं. पहले 2018 में उन्हें मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों की वजह से और फिर अगले साल लोकसभा चुनावों की वजह से टाल दिया गया था.
सिंघई ने बताया, 'जब मैंने सिंधिया जी के साथ बीजेपी जॉइन की थी, तो मैंने पार्टी से आग्रह किया था कि वो यूथ कांग्रेस के चुनावों से मेरा नाम हटा दें लेकिन कुछ नहीं किया गया. जब मैंने दोबारा कॉल किया तो मुझसे कहा गया कि मैं एक मेल में लिखकर बताऊं कि मैंने पार्टी किन हालातों में छोड़ी थी. मैंने कमलनाथ जी और राहुल गांधी को लिखा था. यूथ कांग्रेस ने पूरे मध्य प्रदेश में यही किया है. जो लोग पार्टी में नहीं हैं, उनको चुन रहे हैं.'
हालांकि, यूथ कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुणाल चौधरी ने सिंघई पर 'निम्न स्तर की राजनीति' करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वो अपनी पुरानी पार्टी को बदनाम कर रहे हैं और नॉमिनेशन वापस लेने की झूठी बात कह रहे हैं. उन्होंने कहा कि जैसे ही गलती पता चली थी, उनका चयन रद्द कर दिया गया था.