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- मध्य प्रदेश के इतिहास...
मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली बार सत्ताधारी दल ने हार स्वीकार कर ली - कमलनाथ
भोपाल: पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा मध्य प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब सत्ताधारी पार्टी ने चुनाव से 6 महीने पहले ही हार स्वीकार कर ली हो। मुख्यमंत्री सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता जनता के मुद्दों से पूरी तरह कट चुके हैं और कांग्रेस की जनहितैषी घोषणाओं से अपना संतुलन खो बैठे हैं।
वे सब मिलकर सुबह शाम मुझे कोसने में लगे हैं। लेकिन मध्यप्रदेश की सम्मानित जनता देख रही है कि भाजपा के नेता मुझे नहीं, मध्य प्रदेश के नव निर्माण के लिए की गई कमलनाथ की घोषणाओं को कोस रहे हैं भाजपा के लोग महिलाओं के सम्मान में मिलने वाले ₹1500 को कोस रहे हैं।
मध्यप्रदेश में मिलने वाले ₹500 के गैस सिलेंडर को कोस रहे हैं। मध्य प्रदेश की जनता को मिलने वाली 100 यूनिट मुफ्त बिजली को कोस रहे हैं। मध्य प्रदेश की जनता को मिलने वाली 200 यूनिट बिजली के बिल को कोस रहे हैं।
सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाली पुरानी पेंशन को कोस रहे हैं। किसानों के माफ होने वाले कर्ज को कोस रहे हैं। भाजपा के लोग मध्य प्रदेश की 8.5 करोड़ से अधिक जनता के सुनहरे भविष्य को कोसने में लगे हैं।
लेकिन याद रखिए कमलनाथ ने 44 साल मध्यप्रदेश की सेवा में बिताए हैं। इस सेवा के मार्ग में चाहे गालियां मिलें, चाहे पत्थर मिलें, चाहे अपशब्द मिलें, मैं सब स्वीकार कर लूंगा, लेकिन मध्यप्रदेश के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होने दूंगा।