- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- Shopping
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्यप्रदेश
- /
- भोपाल
- /
- शिवराज सिंह चौहान का...
शिवराज सिंह चौहान का बड़ा बयान, बोले- 'मध्यप्रदेश में हीं जिऊंगा-मरूंगा, केंद्र में नहीं जाऊंगा'
भोपाल : मध्य प्रदेश में 13 साल तक मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल वह केंद्र की राजनीति नहीं करेंगे। एमपी में बीजेपी के चुनाव हारने के बाद यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि शिवराज अब केंद्र में जा सकते हैं। यह भी कहा जा रहा था कि शिवराज 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। बता दें कि मुख्यमंत्री बनने से पहले शिवराज कई बार लोकसभा के सांसद भी रह चुके हैं।
शिवराज ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, 'मैं केंद्र में नहीं जाऊंगा। मैं मध्य प्रदेश में जिऊंगा और मध्य प्रदेश में ही मरूंगा।' बताते चलें कि शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को इस्तीफा देने के बाद कहा था कि वह अब मुक्त हो गए हैं और अब वह चौकीदारी का काम करेंगे। इसी से भी स्पष्ट होता है कि शिवराज फिलहाल मध्य प्रदेश में ही केंद्रित रहना चाहते हैं। शिवराज ने प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष कमलनाथ को जीत की बधाई देते हुए कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि कांग्रेस अपने वादे पूरे करेगी।
लोकसभा चुनाव लड़ने के बारे में पूछे जाने पर शिवराज ने कहा कि वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे और प्रदेश में रहकर ही जनता की सेवा करेंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश में विधान परिषद का कोई औचित्य नहीं है। उल्लेखनीय है कि शिवराज ने हार की जिम्मेदारी अपने सिर पर ली है। उन्होंने कहा था कि हार के लिए सिर्फ वह ही जिम्मेदार हैं। लेकिन बुधवार को उनके सामने कुछ न बोलने वाले प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष राकेश सिंह ने गुरुवार को हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपना इस्तीफा अमित शाह को दे दिया। हालांकि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है।
5 बार रहे हैं लोकसभा सांसद
शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बीजेपी ने 2008 और 2013 का विधानसभा चुनाव भारी बहुमत से जीता था। शिवराज पहली बार 1990 में बुधनी सीट से विधायक निर्वाचित हुए थे। इसके बाद उन्होंने केंद्र की राजनीति में कदम रखा था। 1991 में वह विदिशा से पहली बार लोकसभा सांसद बने। इसके बाद लगातार 1996, 1998, 1999 और 2004 में भी वह विदिशा से चुने गए। कुल मिलाकर वह पांच बार लोकसभा सांसद रहे। शिवराज 2005 में मध्य प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष बने थे। 29 नवंबर 2005 को पहली बार शिवराज को एमपी के सीएम की शपथ दिलाई गई थी। इसके बाद लगातार 13 साल तक वह राज्य के सीएम की कुर्सी पर बने रहे।