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- यूपी के नेताओं के लिए...
यूपी के नेताओं के लिए अशुभ है मध्यप्रदेश का राज्यपाल बनना, जानते हो क्यों?
लालजी टंडन की मौत के बाद मध्य प्रदेश के राज्यपाल का पद खाली चल रहा है. इस पद पर तमाम लोगों की नजरें और उसके लिए नए-नए तर्क भी पेश किये जा रहे हैं. पहले इस पद पर राज्य बाद की चाल चली गई कहा गया कि यह पद उत्तर प्रदेश के कोटे में आना चाहिए क्योंकि टंडन जी यूपी से थे. इसलिए किसी यूपी वाले को ही राज्यपाल बनाया जाना चाहिए.
इसके बाद लक्ष्मीकांत वाजपेई का नाम चर्चा में चला. वे यूपी के बीजेपी अध्यक्ष रह चुके हैं लेकिन 2017 के बाद विधानसभा चुनाव में लहर के बाद भी चुनाव हार गए तब से वे हाशिए पर हैं और उन्हें राज्यसभा भेजे जाने की भी चर्चा चली थी लेकिन वह भी परवान नहीं चढ़ी. इसके बाद उन्होंने अपने को राज्यपाल कि देश में शामिल कर लिया था.
अब अचानक बात यूपी से निकलकर सिर्फ लखनऊ तक पहुंच गई है. कहा जा रहा है लालजी टंडन लखनऊ के थे इसलिए राज्यपाल बनने का असली लखनऊ के निवासियों का है तो फिर एक बड़े मुस्लिम नेता जो कि लंबे समय तक कांग्रेस में रहे हैं अब बीजेपी की शरण में आ चुके हैं. इस पद के लिए अपना बायोडाटा तैयार किए बैठे हैं.
उधर दूसरे प्रदेश के नेता जो इस पद के लिए दावेदार हैं. उन्होंने कहा है कि यूपी वालों के लिए तो मध्य प्रदेश राज्यपाल का पद अशुभ साबित हुआ है. इसलिए वह पद पर ना बने तो ज्यादा बढ़िया है क्योंकि अब तक पिछले वर्षों में जितने भी यूपी के बड़े नेता मध्य प्रदेश के राज्यपाल बने उन तीन नेताओं में तीनों नेता अपना पूरा कार्यकाल नहीं कर पाए और मध्य प्रदेश का राज्यपाल रहते रहते हैं उनका निधन हो गया.
इन तीनों नेताओं में मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम प्रकाश गुप्ता, मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नरेश यादव, मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यपाल लालजी टंडन है. इन तीनों नेताओं ने अपना कार्यकाल पूरा करने से पहले ही भगवान को प्यारे हो गए. नेता फिर भी कोई राज्यपाल शायद अपना कार्यकाल पूरा ना कर पाए यह दलील से बाहर के नेताओं ने दी है.