भोपाल

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्यसभा चुनाव के लिए किया नामांकन

Sujeet Kumar Gupta
13 March 2020 10:50 AM GMT
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्यसभा चुनाव के लिए किया नामांकन
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ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा में शामिल होने के दो दिन बाद राज्यसभा के लिए पर्चा भर दिया है।

भोपाल। भाजपा में शामिल होने के दो दिन बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भोपाल में राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल कर दिया। विधानसभा में सिंधिया के नामांकन भरने के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राज्यसभा सांसद प्रभात झा, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, गोपाल भार्गव भी मौजूद रहे।

मध्य प्रदेश में राज्यसभा की कुल 11 सीटें हैं। अभी भाजपा के पास 8 और कांग्रेस के पास 3 सीटें हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा और पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया का राज्यसभा में कार्यकाल 9 अप्रैल को पूरा हो रहा है। इन तीनों सीटों पर 26 मार्च को चुनाव होना है।

मध्यप्रदेश में राज्यसभा की तीसरी सीट के लिए घमासान

भाजपा में शामिल होते ही सिंधिया को मध्यप्रदेश से राज्यसभा के लिए प्रत्याशी घोषित कर दिया गया। वहीं कांग्रेस ने उनके खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। अगर आंकड़ों पर गौर करें तो ये दोनों दिग्गज नेता आसानी से जीत हासिल कर लेंगे। मध्यप्रदेश से राज्यसभा की तीसरी सीट के लिए भाजपा और कांग्रेस में कांटे की टक्कर दिखाई दे रही है। कांग्रेस ने फूल सिंह भारिया तो भाजपा ने सुमेर सिंह सोलंकी को अपना प्रत्याशी घोषित किया है।

मध्य प्रदेश की 230 सदस्यों वाली विधानसभा में अभी 228 विधायक हैं। 2 विधायकों के निधन के बाद 2 सीटें खाली हैं, लेकिन मंगलवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ते ही पार्टी के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद विधानसभा की सीटों को लेकर दो स्थितियां बन रही हैं।

पहली स्थिति : अगर कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे मंजूर हुए

इस स्थिति में विधानसभा में सदस्यों की संख्या 206 हो जाएगी। राज्यसभा की सीट जीतने के लिए एक प्रत्याशी को 52 वोट की जरूरत होगी। भाजपा के पास 107 और कांग्रेस के पास समर्थकों को मिलाकर 99 वोट हैं। वोटिंग होने पर भाजपा को 2 सीटें आसानी से मिल जाएंगी। कांग्रेस को 1 सीट से संतोष करना होगा। साथ ही सरकार भी गिर जाएगी। भाजपा के 2 विधायक कमलनाथ के संपर्क में हैं। अगर इन्होंने क्रॉस वोटिंग की, तब भी कांग्रेस को फायदा नहीं होगा।

दूसरी स्थिति : अगर कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे मंजूर नहीं हुए तो

राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस व्हिप जारी करेगी। अगर कांग्रेस के 22 विधायकों ने मतदान प्रक्रिया में हिस्सा लेकर क्रॉस वोटिंग की, तो स्पीकर उन्हें अयोग्य करार देने का फैसला कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में भी भाजपा को फायदा ही है। उसे राज्यसभा की 2 सीटें मिल जाएंगी। सरकार अल्पमत में रहेगी और कमलनाथ को इस्तीफा देना होगा। विधानसभा में सदस्यों की संख्या घटकर 206 रह जाएगी। ऐसे में भाजपा बहुमत का 104 का आंकड़ा आसानी से हासिल कर लेगी। राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग के दौरान अगर कांग्रेस के 22 विधायक गैर-हाजिर रहते हैं, तब भी कांग्रेस के व्हिप का उल्लंघन करने के चलते स्पीकर उन्हें अयोग्य घोषित कर सकते हैं।

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