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मुख्यमंत्री पद जाने के बाद पहली बार बोले कमलनाथ यह बात!
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्य मंत्री कमलनाथ ने कोरोना महामारी को लेकर केंद्र सरकार और शिवराज सरकार पर निशाना साधा है. मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कमलनाथ ने कहा कि राहुल गांधी ने इस गंभीर बीमारी को लेकर काफी पहले ही चिंता जाहिर की थी. साथ ही कमलनाथ ने बिना मंत्रियों के सरकार चलने को लेकर भी तंज कसा.
कमलनाथ ने कहा कि केंद्र सरकार ने कोरोना की गंभीरता को समझने में लंबा समय लगा दिया और 40 दिनों के बड़े अंतर के बाद लॉकडाउन जैसा महत्वपूर्ण फैसला लिया. क्योंकि उस दौरान केंद्र सरकार का ध्यान राज्य सभा चुनाव को देखते हुए सांसदों को अपने पक्ष में करने पर था. इस वजह से कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण फैसले लेने में भारी देरी की गई.
वहीं मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि यह प्रदेश इकलौता राज्य हैं जहां स्वास्थ्य मंत्रालय में कोई मंत्री ही नहीं है. उन्होंने आगे कहा, 'मध्य प्रदेश के संदर्भ में मैं लोगों को कुछ बातें याद दिलाना चाहता हूं. मध्य प्रदेश, पूरे विश्व में एक ही प्रदेश है, जहां ना तो स्वास्थ्य मंत्री है और ना ही गृह मंत्री.'
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, 'आज पूरी दुनिया गंभीर महामारी की चपेट में है. दुनिया के सभी देश सामूहिक तौर पर इसका समाधान तलाश रहे हैं. प्रत्येक दिन हजारों लोग इस महामारी की चपेट में आ रहे हैं. कांग्रेस पार्टी इस महामारी की लड़ाई में केन्द्र सरकार के साथ है. मैं इसे दोहराना चाहता हूं कि कांग्रेस कोरोना वायरस के खिलाफ केन्द्र सरकार की यथासंभव मदद के लिए तैयार है.'
पूर्व सीएम ने अपने इस्तीफे के समय के हालात को याद दिलाते हुए कहा, '16 मार्च को मैंने सीएम पद से इस्तीफा दिया था. जबकि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 12 फरवरी को ही कोरोना महामारी को लेकर देश को आगाह किया था. इसके बावजूद पीएम को लॉकडाउन की घोषणा में 40 दिन लग गए. मैं संक्षेप में कहना चाहता हूं कि किस प्रकार से केंद्र सरकार का पूरा ध्यान मध्य प्रदेश की सरकार गिराने में रहा और इस दौरान उन्होंने इतनी बड़ी विपदा को भी नजरअंदाज कर दिया.'
उन्होंने आगे कहा, 'आठ मार्च को 19 विधायकों को तीन चार्टर जेट में भरकर कर्नाटक ले गए. एक रिजोर्ट में रखा. तब से लेकर अब तक कोई वापस नहीं आए हैं. अभी तक मंत्रिमंडल का गठन तक नहीं हो पाया है. वहीं मैंने मुख्यमंत्री रहते हुए 8 मार्च को ही कॉलेज, मॉल और सार्वजिक संस्थानों को बंद करने की दिशा में कदम उठाने शुरू कर दिए थे. हालांकि तब तक लॉकडाउन की बात नहीं थी.'