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कमलनाथ चाहते हैं कि नए राज्यपाल प्रदेश के आदिवासियों की सुरक्षा करें
भोपाल। मध्यप्रदेश के नए राज्यपाल मंगू भाई छगन भाई पटेल को कार्यभार ग्रहण करने के 24 घण्टे के भीतर सबसे पहली शिकायत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के खिलाफ मिली। शिकायत करने वाले हैं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ!अपने विधायकों के पाला बदलने की बजह से सरकार गंवाने वाले कमलनाथ को लगता है कि मध्यप्रदेश में आदिवासी और दलित सुरक्षित नही हैं।उन पर बहुत अत्याचार हो रहा है।राज्यपाल उन्हें बचा सकते हैं।
कमलनाथ आज राज्यपाल से सौजन्य भेंट करने राजभवन पहुंचे थे।मुलाकात के बाद जब वे बाहर आये तो उन्होंने सौजन्यता छोड़ राज्य सरकार पर आरोपों की झड़ी लगा दी।बकौल कमलनाथ-मैंने राज्यपाल को अवगत कराया है कि आज मध्यप्रदेश में आदिवासी और दलित सुरक्षित नही हैं।उनके खिलाफ राज्य में जितनी घटनाएं हुई हैं उतनी पूरे देश के इतिहास में नही हुई हैं।
मैंने उन्हें बताया कि आपने आदिवासियों के लिये बहुत काम किया है।अब मध्यप्रदेश में ऐसा कुछ कीजिए जिससे आदिवासी सुरक्षित रहे।जितने आदिवासी और दलित मध्यप्रदेश में हैं उतने किसी और राज्य में नही हैं।कमलनाथ ने राज्यपाल को नेमावर में आदिवासी परिवार की सामूहिक हत्या के बारे में भी बताया।कमलनाथ के मुताविक उन्होंने राज्यपाल को बताया कि आज प्रदेश का हर वर्ग परेशान है।किसान परेशान है।नौजवान परेशान है।छोटा व्यापारी परेशान है।अर्थव्यवस्था चौपट हो गयी है।
कमलनाथ ने अपनी मुलाकात का ब्यौरा मीडिया को इस तरह दिया कि जैसे राज्यपाल सब समस्याओं का समाधान कर देंगे।75 साल के कमलनाथ ने यह भी बताया कि वे 11 दिन अस्पताल में बिताए हैं।उन्हें निमोनिया हो गया था।अब वह पूरी तरह स्वस्थ हैं।जल्दी ही पूरे प्रदेश के दौरे पर निकले हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओबीसी कैबिनेट बनाई है।अतः उन्हें ओबीसी आरक्षण की भी याद आयी।उन्होंने कहा कि प्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर मैंने जो नीति बनाई थी,शिवराज उसको लागू करें।
असमंजस में चल रही कांग्रेस की अगुवाई कर रहे कमलनाथ ने मोदी की नीतियों और घोषणाओं पर भी सवाल उठाए।लेकिन वे यह कहना नही दाढ़ी बढ़ा लेने के बाद प्रधानमंत्री अच्छे लगने लगे हैं।कमलनाथ की मुलाकात पर भाजपा ने चुटकी ली है।सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि पहले कमलनाथ जी स्वस्थ हो जाएं फिर प्रदेश का दौरा करें।उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि अगर कमलनाथ ने कुछ काम किया होता तो आज यह स्थिति नही होती।
उल्लेखनीय है कि देश की तरह ही मध्यप्रदेश में काग्रेस की हालत बहुत खराब है।कमलनाथ प्रदेश अध्यक्ष भी हैं और विधानसभा में विपक्ष के नेता भी ।कांग्रेस के युवा नेता चाहते हैं कि वे जगह खाली करें। वे अपनी बात नेतृत्व तक पहुंचा भी चुके हैं।लेकिन खुद अपना फैसला न कर पाने वाला नेतृत्व कोई फैसला कर नही पा रहा है।कांग्रेस के बड़े नेता मानते हैं कि अगर यही हालात रहे तो मध्यप्रदेश भी उत्तरप्रदेश की स्थिति में पहुंच जाएगा।
अरुण दीक्षित