भोपाल

मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने इन सीटों पर लगभग फाइनल किये लोकसभा उम्मीदवार

Special Coverage News
10 Feb 2019 4:44 PM IST
मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने इन सीटों पर लगभग फाइनल किये लोकसभा उम्मीदवार
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कांग्रेस हाईकमान ने भाजपा के कब्जे वाली मुरैना, दमोह, सतना, खंडवा लोकसभा सीट जीतने के लिए स्थानीय चेहरों का चयन कर लिया है।

लोकसभा में ज्यादा से ज्यादा सीट जीतने के लिए कांग्रेस विधानसभा में हारे हुए चेहरों पर दांव लगाने की तैयारी कर रही है। करीब आधा दर्जन सीटों पर कांग्रेस ने प्रत्याशियों के नाम लगभग तय कर लिए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में भोपाल के जंबूरी मैदान में कांग्रेस में शामिल होने वाले पूर्व मंत्री रामकृष्ण कुसमारिया को खजुराहो सीट से लोकसभा प्रत्याशी बनाया जा सकता है। वे पूर्व में खजुराहों से भाजपा के टिकट पर दो बार सांसद रह चुके हैं।


कांग्रेस हाईकमान ने भाजपा के कब्जे वाली मुरैना, दमोह, सतना, खंडवा लोकसभा सीट जीतने के लिए स्थानीय चेहरों का चयन कर लिया है। जिनमें मुरैना से रामनिवास रावत, दमोह से मुकेश नायक, सतना से अजय सिंह, खंडवा से अरुण यादव को प्रत्याशी बनाया जा सकता है। ग्वालियर से ज्योतिरादित्य सिंधिया मैदान में उतर सकते हैं। यदि सिंधिया चुनाव नहीं लड़ते हैं तो फिर पिछले दो लोकसभा चुनाव हार चुके अशोक सिंह को फिर से मौका मिल सकता है। वहीं राजगढ़ लोकसभा सीट से राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। खुद दिग्विजय ने लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। हालांकि उन्होंने अभी सीट का ऐलान नहीं किया है।


इस बार ग्वालियर से लड़ सकते हैं सिंधिया

गुना सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। यह सीट उनकी परंपरागत सीट मानी जाती है। उनके पिताजी माधवराव सिंधिया ग्वालियर से सांसद रहे हैं। सिंधिया के ग्वालियर जाने के पीछे कांग्रेस की रणनीत मुरैना एवं भिंड सीट जीतने की है। यदि सिंधिया ग्वालियर से चुनाव लड़ेंगे तो वे मुरैना एवं भिंड सीट को निकालने में भी ताकत लगा सकते हैं। वहीं गुना सीट से वे अपनी पत्नी अथवा अन्य किसी को चुनाव मैदान में उतार सकते हैं। सिंधिया ग्वालियर-चंबल की चारों लोकसभा सीट जीतने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। इनमें से तीन सीट ग्वालियर, मुरैना एवं भिंड फिलहाल भाजपा के कब्जे में है।

दिग्विजय सिंह: राजगढ़

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का मन भी लोकसभा चुनाव लड़ने का है। वे इसका ऐलान भी कर चुके हैं। हालांकि दिग्विजय सिंह ने अभी सीट तय नहीं की है। संभवत: भाजपा के रोडमल नागर को पटकनी देने के लिए दिग्विजय सिंह राजगढ़ से चुनाव लड़ सकते हैं।

अजय सिंह: सतना

विंध्य के कद्दावर नेता अजय सिंह इस बार फिर सतना से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। वे हाल ही में अपनी परंपरागत विधानसभा सीट चुरहट से विधानसभा चुनाव हार गए हैं। ऐसे में पार्टी उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ाने का निर्णय ले चुकी है। यहां बता दें कि सिंह 2014 में भी विधायक रहते सतना से लोकसभा चुनाव लड़े थे, लेकिन कांग्रेस नेताओं के दलबदल एवं भितरघात की वजह से वे करीब 8 हजार मतों से चुनाव हार गए थे।

अरुण यादव: खंडवा

अरुण यादव का खंडवा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना लगभग तय हो चुका है। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव में यादव को बुदनी से शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ प्रत्याशी बनाया था। अब पार्टी यादव को लोकसभा चुनाव भी लड़ाने का मन बना चुकी है। वर्तमान में खंडवा से भाजपा के नंदकुमार सिंह चौहान सांसद हैं।

रामनिवास रावत: मुरैना

पांच बार विधानसभा सदस्य रहे चुके रामनिवास रावत श्योपुर जिले की विजयपुर सीट से हाल ही में विधानसभा चुनाव हार गए थे। अब पार्टी उन्हें मुरैना लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारने पर विचार कर रही है। रावत विधायक रहते हुए 2009 में मुरैना से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। रामनिवास का मरैना से लोकसभा चुनाव लड़ना लगभग तय है। वे मप्र कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं। ओबीसी चेहरा के रूप में वे मप्र कांगे्रस के स्टार प्रचारक भी हैं।

मुकेश नायक: दमोह

दमोह लोकसभा सीट से वर्तमान में भाजपा के प्रहलाद पटेल सांसद हैं। यहां से कांग्रेस मुकेश नायक को प्रत्याशी उतार सकती है। नायक हाल ही में पवई विधानसभा सीट से चुनाव हार गए हैं।


रामकृष्ण कुसमारिया: खजुराहो

भाजपा विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में दमोह एवं पथरिया से चुनाव लड़ने वाले रामकृष्ण कुसमारियों को बाहर का रास्ता दिखा चुकी है। अब कुसमारिया कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें सदस्यता दिलाई। वे खजुराहो से लोकसभा प्रत्याशी हो सकते हैं। वे पूर्व में भी यहां से सांसद रह चुके हैं। कांग्रेस कुर्मी वोट बैंक को कुसमारियों के जरिए साधेगी। खजुराहो से वर्तमान में भाजपा के नागेन्द्र सिंह सांसद हैं। सिंह विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं।

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