भोपाल

मध्यप्रदेश के स्पीकर एनपी प्रजापति ने प्रदेश में जारी सियासी घटनाक्रम पर बड़ा बयान दिया है.

Shiv Kumar Mishra
10 March 2020 1:09 PM GMT
मध्यप्रदेश के स्पीकर एनपी प्रजापति ने प्रदेश में जारी सियासी घटनाक्रम पर बड़ा बयान दिया है.
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सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी, तुलसी सिलावट, प्रभुराम चौधरी और महेंद्र सिंह सिसोदिया को बर्खास्त करने की सिफारिश की है.

भोपाल: मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार पर संकट गहरा गया है. एक के बाद एक कई कांग्रेस विधायक पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के कांग्रेस (Congress) से इस्तीफा देने के बाद सिंधिया का समर्थन करने वाले मध्य प्रदेश कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. इसी बीच, प्रदेश के स्पीकर एनपी प्रजापति ने प्रदेश में जारी सियासी घटनाक्रम पर बड़ा बयान दिया है.

प्रजापति ने कहा, "मैं विधानसभा की स्थापित प्रकिया के अनुसार एक्शन लूंगा."मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव ने नरोत्तम मिश्रा समेत अन्य पार्टी नेताओं के साथ विधानसभा स्पीकर से मुलाकात करके 19 कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफे उन्हें सौंपे. मध्य प्रदेश में जारी सियासी घटनाक्रम के बीच सपा विधायक राजेश शुक्ला और बीएसपी विधायक संजीव कुश्वाहा ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की. इधर, बेंगलुरू में ठहरे कांग्रेस के 19 बागी विधायकों को सुरक्षा का डर सता रहा है. इसलिए, विधायकों ने कर्नाटक डीजीपी को चिट्ठी लिखकर सुरक्षा की मांग की है. पत्र में लिखा है, "हम कर्नाटक में स्वैच्छिक रूप से कुछ काम से आए हैं. हमें बेंगलुरू में स्वतंत्र रूप से घूमने के लिए सुरक्षा की जरूरत है.'

कंग्रेस विधायक बिसाहू लाल सिंह ने विधायकी से इस्तीफा देकर बीजेपी ज्वॉइन कर ली है. बेंगलुरू में ठहरे 19 कांग्रेसी विधायकों ने अपने इस्तीफे राजभवन को भेज दिए हैं. इस तरह से 20 विधायकों ने कांग्रेस से अपना नाता तोड़ लिया है. इसी बीच, खबर आ रही है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल को चिट्ठे लिखकर सिंधिया समर्थक 5 मंत्रियों को मंत्री पद से हटाने की सिफारिश की है. CM ने जल्द आदेश जारी करने की अपील की है.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री कमलनाथ की कुछ मंत्रियों और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के साथ बैठक हुई. इसके बाद सिंधिया समर्थक मंत्रियों को बर्खास्त करने का फैसला लिया गया. सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी, तुलसी सिलावट, प्रभुराम चौधरी और महेंद्र सिंह सिसोदिया को बर्खास्त करने की सिफारिश की है.

बेंगलुरू में ठहरे 19 विधायकों ने दिए इस्तीफे

इन विधायकों में प्रदुम्न सिंह तोमर, रघुराज कंसाना, कमलेश जाटव, रक्षा संत्राव (भांडेर), जजपाल सिंह जज्जी (अशोक नगर), इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी, तुलसी सिलावट, सुरेश धाकड़ (शिवपुरी), महेंद्र सिंह सिसोदिया, ओपी एस भदौरिया, रणवीर जाटव, गिरराज दंडोतिया, जसवंत जाटव, गोविंद राजपूत, हरदीप डंग, मुन्ना लाल गोयल, ब्रिजेन्द यादव शामिल हैं. सूत्रों के हवाले से खबर है कि कांग्रेस के 7 और विधायक भी बीजेपी के संपर्क में हैं. आज देर रात तक ये 7 विधायक भी अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को सौंप सकते हैं.

सिंधिया के इस्तीफे ने कांग्रेस पार्टी के होली के रंग में भंग डालने का काम किया है. सिंधिया के इस फैसले पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि जिस पार्टी ने इतना दिया है, उससे बेईमानी कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि इस फैसले से पार्टी का नुकसान हुआ है और लगता है मध्य प्रदेश में हमारी सरकार नहीं बच पाएगी. अधीर रंजन ने सिंधिया के इस फैसले को पार्टी के साथ गद्दारी करार दिया.

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