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ज्योतिरादित्य सिंधिया और शिवराज सिंह की मुलाकात की असली बात आई सामने
मध्य प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में पिछले तीन दिनों से महाराज और पूर्व सीएम शिवराज की मुलाकात काफी चर्चा का विषय बनी हुई है. लोग जानने को उत्सुक हो रह है कि आखिर कांग्रेस महासचिव और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के के घर क्यों गये? इतना ही नहीं उस दौरान उन दोनो के बीच करीब 40 मिनट किस बात पर चर्चा हुई। इसपर दोनो नेताओं ने इस मुलाकात को आपसी शिष्टाचार भेंट बताया, लेकिन ये बात किसी को हज़म नहीं हो रही। राजनीतिक गलियारों से लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह के कयास लगाए गए। भाजपा और बीजेपी के नेताओं द्वारा कई कयासी दावे भी किये गए, लेकिन अब इन सभी अटकलों से पर्दा उठ गया है। मिली जानकारी के मुताबिक सिंधिया राजधानी में अपने लिए सरकारी आवास देख रहे हैं। इसी सिलसिले में वो शिवराज सिंह के घर गए थे।
बता दें कि राज्य सरकार की ओर से कहा गया था कि पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान अगले एक महीने नए बंगले में शिफ्ट होने वाले हैं, तब उन्हें शिवराज को आवंटित बंगला सिंधिया को दे दिया जाएगा। हालांकि सिंधिया की मांग थी कि उन्हें पूर्व गृह मंत्री भूपेन्द्र सिंह का बंगला आवंटित कर दिया जाए। लेकिन भूपेन्द्र सिंह किसी कारणवश अप्रेल तक बंगला खाली नहीं कर सकते है। इसलिए उनका बंगला सिंधिया को आवंटित होना संभव नहीं है।
मालूम हो कि पिछले 6 महीने से सिंधिया राजधानी में सरकारी बंगले की मांग कर रहे हैं। उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी पत्र लिखकर सांसद कोटे से बंगले की मांग की थी। लेकिन उस समय शिवराज भी उनकी ये मांग पूरी नहीं कर सके थे। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सिंधिया ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर चार इमली स्थित पूर्व गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह से भी बंगले की मांग की थी।
सीएम कमलनाथ ने सिंधिया का पत्र गृह विभाग को भेज दिया। इसकी खबर लगते ही भूपेन्द्र सिंह ने भी गृह विभाग को अप्रेल के पहले बंगला खाली न करने की सूचना दे दी। सूत्रों के अनुसार, गृह विभाग से सिंधिया को जवाब देते हुए सलाह दी गई थी कि, भोपाल में भूपेन्द्र सिंह के बंगले के बाद सबसे शानदार बंगला शिवराज सिंह चौहान का है। चौहान अगले एक महीने प्रोफेसर कालोनी स्थित दूसरे बंगले में शिफ्ट होने जा रहे हैं। अगर सिंधिया चाहें तो यह बंगला उन्हें अलाट किया जा सकता है। इसी के चलते पिछले दिनों भोपाल प्रवास के दौरान सिंधिया ने शिवराज को फोन करके उनका बंगला देखने की इच्छा रखी थी, जहां शिवराज ने उन्हें घर बुलाने की सेहमति दी। हालांकि, अब तक इस बात का खुलासा नहीं हो सका है कि, सिंधिया ने बंगला देखने के बाद इसे अलाट कराने की सहमति दी है या नहीं। अब लोग एक बार फिर से इसे चर्चा बना रहे है जबकि कई राजनैतिक लोंगों का यह भी मानना है कि अब महाराज को अपनी बड़ी जिम्मेदारी को देखते हुए यही कहना भी पड़ेगा कि में बंगला देखने गया था।