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800 श्रमिकों के साथ मेधा पाटेकर गिरफ्तार, संदीप पांडे और डॉ सुनीलम ने पुलिसिया कार्रवाई की निंदा की
खरगोन मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश के खरगोन ज़िले के कसरा बाद स्थित सेंचुरी मिल की बन्दी के खिलाफ पिछले चार महीने से अधिक समय से हड़ताल कर रहे 800 श्रमिकों को प्रसिद्ध समाज कर्मी मेधा पाटेकर सहित गिरफ्तार किया गया है। पुलिस द्वारा आज सुबह लाठी चार्ज करने से कई श्रमिक घायल हो गए हैं। इनमे कुछ महिलाएं भी शामिल हैं।
मेधा पाटेकर सहित मैगसायसाय अवॉर्डी संदीप पाण्डेय और किसान नेता सुनीलम ने पुलिस द्वारा श्रमिकों पर बल प्रयोग करने और उनकी गिरफ्तारी की निन्दा की है। इन नेताओं का कहना है कि पुलिस ने शांतिपूर्ण धरना देने वाले श्रमिकों को धरना स्थल पर बर्बर लाठी चार्ज कर घायल कर दिया है। फिर उन्हें गिरफ्तार कर कहीं दूर किसी स्कूल प्रांगण में कैद कर रखा है।
गिरफ्तार श्रमिक शांतिपूर्ण तरीके से अपना आंदोलन चला कर यह दबाव बनाने की कोशिश कर रहे। थे कि सेंचुरी मिल किसी भी हलत में बन्द नहीं किया जाय क्योंकि मिल के बंद होने से न सिर्फ इसमें काम करने वाले श्रमिक बेरोजगार हो जाएंगे बल्कि बाद की पीढ़ियों के लिए भी रोजगार के अवसर ख़तम हो जाएंगे।
गौरतलब है कि श्रमिकों ने मिल मलिकों के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के आग्रह को नकार दिया है। श्रमिक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बदले सेंचुरी मिल को जल्दी से जल्दी से चालू करने की मांग कर रहे हैैं।
किसान नेता और पूर्व विधायक सुनीलम ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने पहले खुद को किसान विरोधी साबित किया और अब श्रमिकों पर लाठी चार्ज कर खुद को मजदूर विरोधी भी घोषित कर लिया है। उन्होंने मिल मालिक कुमार मंगलम बिरला द्वारा मंजीत ग्लोबल के हाथों मिल बेचने की बात को गलत बताते हुए यह मांग की है कि अगर इस तरह की कोई रजिस्ट्री हुई है टो उसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों की चुनी हुई शिवराज सरकार कुमार मंगलम की एजेंट के रूप में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि श्रमिक शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों के समर्थन में धरना दे रहे थे टो उन्हें धारा 144 के उल्लंघन का आरोपी मान कर पुलिस बल प्रयोग कर रही है। उन्होंने सवाल किया कि जब सरकारी नेता जगह जगह अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ मजमा लगाते हैं तब धारा 144 का उल्लघंन नहीं होता।
उधर गिरफ्तार श्रमिकों और उनके नेताओं ने कहा कि पुलिस जुल्म के बावजूद वे आंदोलन ख़तम नहीं करेंगे बल्कि और तेज़ करेंगे और तब तक करते रहेंगे जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती।