भोपाल

मैनेजमेंट गुरु कमलनाथ आज दोपहर 12 बजे देंगे इस्तीफा!

Shiv Kumar Mishra
20 March 2020 9:41 AM IST
मैनेजमेंट गुरु कमलनाथ आज दोपहर 12 बजे देंगे इस्तीफा!
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इस तरह सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष का फैसला पलट दिया है जिसमें उन्होने सत्र की कार्यवाही 26 मार्च तक स्थगित कर दी थी।

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में आज होने वाले फ्लोर टेस्ट से पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दोपहर 12 बजे मुख्यमंत्री निवास में पत्रकार वार्ता बुलाई है। मुख्यमंत्री की आनन-फानन में बुलाई जा रही इस पत्रकार वार्ता को लेकर तमाम सियासी अटकलें तेज हो गई हैं।

राजनीतिक पंडितों का मानना है कि वर्तमान राजनीतिक हालात को देखते हुए कमलनाथ बिना फ्लोर टेस्ट त्यागपत्र भी दे सकते हैं। लेकिन कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि मैनेजमेंट गुरु माने जाने वाले कमलनाथ इस पत्रकार वार्ता के माध्यम से अपने पत्ते खोलेंगे और एक बार फिर सब को मात देकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बने रहेंगे। इस बीच स्पीकर ने बेंगलुरू में कांग्रेस के बागी 16 विधायकों का इस्तीफा मंजूर कर लिया है और इस फैसले के बाद कांग्रेस की क्या प्रतिक्रिया है, ये भी कमलनाथ की प्रेस कॉन्फ्रेंस में देखने वाली बात होगी।

बता दें कि गुरूवार देर रात मध्यप्रदेश के राजनीतिक घटनाक्रम में एक बड़े उलटफेर के चलते स्पीकर एन पी प्रजापति ने सोलह विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिये हैं। ये वही कांग्रेस के बागी विधायक हैं जो पिछले दस दिनों से बेंगलुरू में डेरा डाले हुए हैं। इनमें सुरेश धाकड़, रक्षा संतराम सरोनिया, जजपाल सिंह जज्जी, विजेंद्र सिंह, रघुराज कंसाना, ओपीएस भदौरिया, मुन्नालाल गोयल, गिर्राज दंडोतिया, कमलेश जाटव, रणवीर सिंह जाटव, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, हरदीप सिंह डंग और मनोज चौधरी ,एन्दल सिह कंसाना, बिसाहू लाल सिंह शामिल हैं।



इससे पहले गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार को शुक्रवार यानि आज बहुमत साबित करने के लिये कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि शुक्रवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट कराया जाए। फ्लोर टेस्ट में विधायक हाथ उठाकर वोटिंग करेंगे। इसके साथ ही बेंगलुरु में ठहरे 16 विधायकों को लेकर कहा गया कि उनपर विधानसभा में उपस्थित रहने का कोई दबाव नहीं है, ये उनकी इच्छा पर निर्भर करता है कि वे विधानसभा में उपस्थित रहना चाहते हैं या नहीं।

साथ ही कर्नाटक और मध्यप्रदेश के डीजीपी को आदेश दिया गया है कि उन विधायकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने पूरी कार्यवाही की वीडियोग्राफी करने के निर्देश भी दिये हैं। इस तरह सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष का फैसला पलट दिया है जिसमें उन्होने सत्र की कार्यवाही 26 मार्च तक स्थगित कर दी थी।

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