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भोपाल से साध्वी प्रज्ञा को बीजेपी ने बनाया लोकसभा उम्मीदवार, दिग्विजय सिंह से होगी टक्कर
भोपाल : लोकसभा चुनाव 2019 का महाभारत चल रहा है. ऐसे में मध्य प्रदेश की सबसे हॉट सीट भोपाल से बीजेपी ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है। आपको बतादें आज ही साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर बीजेपी में शामिल हुईं थीं। अब उनका सीधा मुकाबला कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह से होगा।
इससे पहले, साध्वी प्रज्ञा ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'मैंने औपचारिक रूप से बीजेपी की सदस्यता ले ली है। मैं चुनाव लड़ूंगी और जीतूंगी भी। मेरे पास शिवराज सिंह चौहान का समर्थन है।' बता दें कि भोपाल सीट से दिग्विजय सिंह को टिकट मिलने के बाद से ही बीजेपी खेमे में चर्चा तेज हो गई थी। भोपाल सीट से बीजेपी की तरफ से शिवराज सिंह चौहान, उमा भारती और नरेंद्र सिंह तोमर तक का नाम सामने आ रहा था।
आपको बता दें कि मुस्लिम वोटरों की भारी तादाद के बावजूद 1989 से बीजेपी कभी भी भोपाल सीट नहीं हारी। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलाथ ने दिग्विजय से भोपाल या इंदौर जैसी मुश्किल सीट से चुनाव लड़ने के लिए कहा था। इसके बाद दिग्विजय सिंह ने चुनौती स्वीकार कर ली। विश्लेषकों का अनुमान है कि मजबूत कांग्रेस दावेदार के खिलाफ साध्वी प्रज्ञा को उतारकर बीजेपी ध्रुवीकरण की उम्मीद कर रही है।
कौन हैं साध्वी प्रज्ञा
- साध्वी प्रज्ञा मध्य प्रदेश के चंबल इलाके के भिंड में पली बढ़ींं. उनके पिता आरएसएस के स्वयंसेवक और पेशे से आयुर्वेदिक डॉक्टर थे. आरएसएस से उनका झुकाव बचपन से ही रहा.
- साध्वी प्रज्ञा आरएसएस की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (Akhil Bhartiya Vidhyarthi Parishad) की सक्रिय सदस्य रहीं. विश्व हिन्दू परिषद (Hindu Vishwa Parishad) की वह महिला विंग दुर्गा वाहिनी से भी जुड़ींं.
- साध्वी प्रज्ञा की जिंदगी तब एकदम बदल गई जब उनका नाम मालेगांव ब्लास्ट (Malegaon Blast) में सामने आया. उन्हें बम ब्लास्ट में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया. साध्वी के अलावा लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित (Lieutenant Colonel Shrikant Purohit) को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गा था. आपको बता दें कि 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में एक बाइक में लगाए गए दो बमों के फटने की वजह से सात लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 100 से ज्यादा घायल हो गए थे. मालेगांव मुंबई से 270 किमी दूर है. फिलहाल साध्वी प्रज्ञा और लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित दोनों बेल पर हैं.
- हालांकि बाद में कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा के ऊपर से मकोका (MCOCA) हटा लिया, लेकिन उन पर गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत मामला चला.
- प्रज्ञा 9 सालों तक जेल में रहीं और फिलहाल जमानत पर बाहर हैं. बाहर आने के बाद उन्होंने ब्लास्ट के बाद लगातार 23 दिनों तक हुई यातना के बारे में बताया. साध्वी प्रज्ञा ने आरोप लगाया कि तत्कालीन गृहमंत्री पी. चिदंबरम (Home Minister P Chidambaram) ने उन्हें झूठे केस में फंसाया.