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मध्यप्रदेश में 13 साल सीएम रहे शिवराज का नाम प्रचार समिति में 13 वें नंबर पर क्यों?
मध्यप्रदेश में 13 साल तक मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान का नाम चुनाव प्रबंधन समिति के सदस्यों की सूची में 13 नंबर पर क्या खिसका, सूबे की राजनीति में सुगबुगाहट होने लगी कि क्या शिवराज सिंह चौहान के साथ जानबूझकर इस तरह का व्यवहार किया जा रहा है. उनके कैबिनेट में मंत्री रहे नेताओं के नाम भी इस सूची में शिवराज से ऊपर है जिससे कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं.
क्या मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की हार के बाद शिवराज सिंह चौहान का कद वाकई घट गया है? यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि चुनाव प्रबंधन समिति के सदस्यों की जो सूची सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है उसमें शिवराज सिंह चौहान का नाम खिसक कर 13 नंबर पर पहुंच गया है. यह सूची आने के बाद कांग्रेस जमकर मजे भी ले रही है.
मध्यप्रदेश में 13 साल तक मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान का नाम चुनाव प्रबंधन समिति के सदस्यों की सूची में 13 नंबर पर क्या खिसका, सूबे की राजनीति में सुगबुगाहट होने लगी कि क्या शिवराज सिंह चौहान के साथ जानबूझकर इस तरह का व्यवहार किया जा रहा है जिससे राजनीतिक गलियारों में उनके कद घटने की चर्चा गरमा जाए. सिर्फ यही नहीं, कई ऐसे नेता जो शिवराज कैबिनेट में मंत्री थे और राजनीतिक कद में उनसे छोटे हैं लेकिन उनके नाम सूची में शिवराज से ऊपर है जिससे कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं.
शिवराज से ऊपर कौन?
बीजेपी की चुनाव प्रबंधन समिति सूची में सबसे पहले केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का नाम है. इसके बाद बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा का नाम है. तीसरे नंबर पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का नाम है. इसके बाद चौथा नाम प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह का है. इसके बाद सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते, नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह, राजेंद्र शुक्ल, लाल सिंह आर्य, विनोद गोटिया, विजेश लुनावत और विनय सहस्रबुद्धे का नाम शिवराज सिंह चौहान से ऊपर है. शिवराज के नीचे सुहास भगत, नंदकुमार सिंह चौहान और अतुल राय के नाम हैं.
शिवराज हमारे सर्वमान्य नेताः बीजेपी
इस मामले में बीजेपी की सफाई भी सामने आई है. मध्यप्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान भारतीय जनता पार्टी के सर्वमान्य नेता हैं, नेता थे और नेता रहेंगे. लीडर ऑलवेज लीड्स. सूची में किस नंबर पर उनका नाम लिखा गया, इसका कोई महत्व नहीं है यह कोई शासन की निकली हुई सूची नहीं है जिसका प्रोटोकोल होता है. वह नेता थे, हैं और रहेंगे.
उन्होंने आगे कहा, 'लोकसभा चुनाव में उनकी महती जिम्मेदारी है और संगठन में भी वह संसदीय बोर्ड के हमारे सदस्य हैं. मैंने कहा कि कई बार कई प्रकार की त्रुटि हो जाती है. कौन से पेज में कौन से कहां किसने देख लिया, मुझे नहीं पता लेकिन भारतीय जनता पार्टी उनका महत्व जो था वही है वही रहेगा. उनके नाम को लेकर कहीं भी भारतीय जनता पार्टी में संदेह नहीं है. जब बीजेपी में संदेह नहीं है तो मीडिया को संदेह करने की जरूरत नहीं है.
कांग्रेस ने जताई शिवराज से सहानुभूति
इस मामले में कांग्रेस ने बीजेपी पर तंज कसा है. मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया कॉर्डिनेटर नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट कर कहा कि 'शिवराज जी का नाम चुनाव प्रबंधन समिति में 13वें नंबर पर. बेहद शर्मनाक. कांग्रेस की सहानुभूति शिवराज जी के साथ. लगता है कि अब शिवराज जी शीघ्र ही बाबूलाल गौर के निवास जाकर खुद का नाम बीजेपी मार्गदर्शक मंडल में लिखवाएंगे. गुरु लालकृष्ण आडवाणी के बाद अब शिष्य शिवराज का नाम भी शामिल होगा.'