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मध्यप्रदेश में भाजपा को झटका, विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने कमीशनखोरी का आरोप लगा दिया पार्टी से इस्तीफा
मध्यप्रदेश में बीजेपी का संकट कम होने की जगह बढ़ता नजर आ रहा है। जहां आज एक विधायक ने पार्टी पर कमीशनखोरी और पार्टी से साइडलाईन किए जाने की बात कह करके इस्तीफा दे दिया। जब पार्टी का विधायक यह आरोप लगाकर पार्टी छोड़ता है तो बीजेपी के लिए बड़ा नुकसान दायक साबित होगा। एमपी भाजपा में भगदड़ मची है। पिछले तीन माह से हर हफ़्ते 1/2 नेता पार्टी छोड़ रहे है।कोई भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी तो कोई पार्टी नेताओं द्वारा परेशान करने और पार्टी द्वारा अनदेखा किए जाने की दुहाई दे कर पार्टी छोड़ रहा है।
मध्यप्रदेश के शिवपुरी ज़िले के लिए कोलारास विधान सभा के वर्तमान भाजपा विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने कमीशनखोरी और पार्टी से साइडलाईन किए जाने की बात कह कर इस्तीफ़ा दे दिया।
विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने लिखा
आज भारी मन से भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता एवं विशेष आमंत्रित सदस्य प्रदेश कार्यसमिति के पद से मैं अपना इस्तीफा दे रहा हूँ। पिछले 3. 5 सालों से कई बार अपनी पीढ़ा मुख्यमंत्री जी एवं शीर्ष नेतृत्व के सामने रखी पर आप सभी ने कभी ध्यान नहीं दिया। पूरे ग्वालियर-चंबल संभाग में मेरे जैसे पार्टी के कई कार्यकर्ताओं की उपेक्षा नवागत भाजपाई करते रहे और यह सब आज तक हमारे साथ सिर्फ इसलिए होता रहा है चुंकि हमने पूरी निष्ठा व ईमानदारी से 2014 एवं 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का काम किया एवं सफलता पाई।
. शिवपुरी जिले एवं कोलारस विधानसभा में भ्रष्ट अधिकारियों की पोस्टिंग सिर्फ इसलिए की जा रही है, ताकि वे मेरे हर विकास कार्य में रूकावटें उत्पन्न कर सकें व मुझे एवं मेरे कार्यकर्ताओं को परेशान कर सकें।
सिंधिया जी ने यह कह कर कांग्रेस की सरकार गिराई थी कि किसानों का 02 लाख का कर्ज माफ नहीं किया जा रहा पर भाजपा की सरकार बनने के बाद सिंधिया जी ने किसान कर्ज माफी करना तो दूर आज दिन तक कर्जमाफी की बात तक नहीं की। सरकार के मंत्री एवं प्रशासन के अधिकारी भ्रष्टाचार में डूब गए हैं। शिवपुरी जिले के प्रभारी मंत्री ने स्वयं मेरे विधानसभा क्षेत्र में रिश्वत मांगने के मामले में कहा कि "मंदिर में भी प्रसाद चढ़ाते हैं, यह उसी तरह का नेग है और नेग तो देना पडेगा। भ्रष्टाचार ने प्रदेश को शर्मसार किया है, प्रशासन निरंकुश है. भाजपा के कार्यकर्ताओं और नेताओं की कोई सुनवाई नहीं है।
• शिवपुरी जिले सहित सम्पूर्ण प्रदेश में कॉपरेटिव बैंको में किसानों की जमा पूंजी में ही संघ लगाकर राशि का आहरण करने के बड़े घोटाले सामने आए किसानों से की गई धोखाधडी के मामले सरकार के सामने आने के बाद भी विगत तीन वर्षो से किसान आज भी अपनी जमा राशि को बैंक से निकालने के लिए चक्कर लगा रहे हैं। किसानों की जमा राशि का भुगतान उन्हें ही नहीं हो रहा, लेकिन सरकार द्वारा इसके लिए कोई कार्यवाही नहीं की जारही। कॉपरेटिव बैंकों के घोटाले के विषय पर विधानसभा सदन में भी मैंने मुद्दा उठाया चर्चा हुई लेकिन आज तक सरकार ने कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जिससे किसान लगातार परेशान हैं।
• इसी प्रकार प्रदेश भर में गौमाता के नाम पर वोट तो मांगे गए लेकिन गौमाता के पोषण के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई। बनाई गई गौशालाओं में से अधिकतर का संचालन नहीं हो रहा और जो संचालित है उनमें 4-5 महीनों तक सरकार द्वारा राशि नहीं भेजी जाती, जिससे गौमाता आज भी सड़कों पर अपने प्राण त्याग रहीं हैं। प्रदेश सरकार के 3.14 लाख करोड़ के बजट में गौमाता के लिए बजट का कोई प्रावधान नहीं किया गया।
यह पत्र लिखकर पार्टी को इस्तीफा भेज दिया है। वहीं इस्तीफे के बाद कांग्रेस की तरफ से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन कांग्रेस मध्यप्रदेश में लगातार एज बना रही है।