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- लोकसभा चुनावों से पहले...
लोकसभा चुनावों से पहले होने जा रहे विधानसभा सेमीफाइनल चुनावों की अधिसूचना पर विशेष!
आगामी वर्ष होने जा रहे लोकसभा चुनाव के पहले देश के पाँच राज्यों के होने वाले विधानसभा चुनावों की तिथियों की घोषणा करके चुनाव आयोग ने मतदान की तिथियों की घोषणा परसों कर दी है। आयोग के मुताबिक छत्तीसगढ़ को छोड़कर शेष चार राज्यों राजस्थान, मध्यप्रदेश, मिजोरम एवं तेलंगाना में चुनाव एक चरण में होगा।छत्तीसगढ़ में चुनाव दो चरणों में कराया जायेगा जबकि मतगणना पाँचवें राज्यों की एक साथ 11 दिसम्बर को कराई जायेगी।
आयोग ने इन पाँच राज्यों के अलावा कर्नाटक के बेल्लारी, शिमोगा एवं मांड्या संसदीय सीटों के चुनाव की भी घोषणा कर दिया है और इसी के साथ ही इन राज्यों में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में चुनाव का पहले चरण की अधिसूचना आगामी 16 अक्टूबर को जारी होगी तथा इसमें 18 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान कराया जायेगा जबकि दूसरे चरण की अधिसूचना 26 अक्टूबर को जारी होगी तथा शेष बची 17 सीटों पर मतदान आगामी 20 नवम्बर को होगा। मध्यप्रदेश एवं मिजोरम में चुनावी अधिसूचना 2 नवम्बर को जारी होगी तथा मतदान आगामी 28 नवम्बर को कराया जाएगा।
इसी तरह तेलंगाना एवं राजस्थान में चुनावी अधिसूचना आगामी 2 नवम्बर को जारी होगी तथा मतदान आगामी 28 नवम्बर को कराया जाएगा। आगामी 11 दिसम्बर को पाँचों राज्यों में एक साथ मतगणना की जायेगी सभी जगहों के चुनाव परिणाम एक साथ घोषित किए जायेंगे।इन पाँचों राज्यों के विधानसभा चुनावों को आगामी लोकसभा चुनावों की दृष्टि से महत्वपूर्ण एवं सेमीफाइनल माना जा रहा है इसीलिए सभी प्रमुख दलों की निगाह इन विधानसभा चुनावों पर लगी है।सभी दलों का मानना है कि इन विधानसभा चुनावों के परिणामों का प्रभाव आगामी लोकसभा चुनावों पर पड़ेगा इसलिए वह इसमें अपना अपना परचम लहराने के लिये अपनी सारी ताकत लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
आदर्श आचार संहिता लागू होने के ठीक एक घंटा पहले प्रधानमंत्री राजस्थान में एक चुनावी जनसभा को संबोधित कर अपनी सरकार की खूबियों का बखान तथा विपक्षी दलों पर हमला बोलकर कटघरे में खड़ा कर चुके हैं।राजस्थान में पिछली बार भाजपा को ऐतिहासिक सफलता मिल चुकी है जबकि इस बार कांग्रेस से उसकी सीधी टक्कर होने की उम्मीद है। पिछले चुनाव में भाजपा को दो सौ सीटों में से 160 सीटों पर सफलता मिली थी लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव में यह परिदृश्य बदलने का अनुमान लगाया जा रहा है।यहाँ पर पिछले 15 सालों से भाजपा के डा० रमन सिंह की अगुवाई में तथा मध्यप्रदेश में पिछले 25 वर्षों से भाजपा की सरकार लगातार बन रही है जबकि इस बार उसका मूल सवर्णं मतदाता बगावत कर रहा है। यहाँ पर कांग्रेस के अलावा समाजवादी पार्टी एवं बसपा भी अपने वर्चस्व की लड़ाई लड़ने जा रही है और बसपा का रूख देखकर सपा कांग्रेस को छोड़कर बसपा के साथ गठबंधन करने के लिये तैयार है। तेलंगाना को अभी पाँच साल पहले आंध्रप्रदेश से अलग करके अलग राज्य का दर्जा दिया गया है और हैदराबाद दोनों राज्यों की राजधानी बनाई गयी है।इसी तरह 1987 में मिजोरम को राज्य का दर्जा देकर असम से अलग किया गया है तथा यहाँ पर कांग्रेस का वर्चस्व है तथा भाजपा का जनाधार अपेक्षाकृत कम माना जा रहा है।
इसके बावजूद भाजपा इन पाँचों राज्यों में अपना केसरिया फहराने के लिये साम दाम दंड भेद जैसी सभी नीतियों को इस्तेमाल कर रही है और उसका विश्वास है कि मोदी मैजिक के सामने सभी विपक्षी चारों खाने चित्त हो जायेंगें। जीएसटी, एसी एसटी एक्ट एवं डीजल पेट्रोल के मूल्यों में हुयी बेतहाशा वृद्धि भाजपा के विजय अभियान में बाधक बन रही है और भाजपा इस बाधा को दूर करने के लिये वैकल्पिक व्यवस्था करने में जुटी है।आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए राजनैतिक दलों की सरगर्मियां तेज हो गयी है और वह मतदाताओं को ऐनकेन प्रकारेण रिझाने के तरह तरह की राजनैतिक नौंटकियां करने लगे हैं।
भोलानाथ मिश्र
वरिष्ठ पत्रकार/समाजसेवी
रामसनेहीघाट, बाराबंकी यूपी