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- यहां कोई "गारंटी" नही...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भोपाल यात्रा को 48 घंटे बीत चुके हैं!राजधानी का जनजीवन भी पटरी पर आ गया है!सरकार चुनावी मोड में है। हर काम इवेंट की तरह कर रही है।लेकिन भोपाल में मोदी जी चुनाव अभियान शुरू करते हुए जो बोल गए हैं,उससे एक अहम सवाल उठा है कि एमपी में आखिर किसकी सरकार है? साथ ही यह भी क्या "भ्रष्टाचार" सिर्फ विपक्षी दलों का दिखता है?अपने दल में क्या वह "शिष्टाचार" बन गया है?
मोदी जी मंगलवार को भोपाल आए थे।उन्होंने रेलवे स्टेशन जाकर 5 नई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई!इसके बाद वे लाल परेड ग्राउंड में देश भर से आए बीजेपी के चुनिंदा बूथ विस्तारकों से रूबरू हुए!
अमेरिका और मिस्र की यात्रा से सीधे भोपाल आए प्रधानमंत्री ने बीजेपी के बूथ विस्तारकों के बीच अपना चुनाव अभियान शुरू किया। वे ऊर्जा से लबरेज थे।पर उनका भाषण सुनकर ऐसा लगा कि जैसे वे 2024 की नहीं 2014 के चुनाव को लक्ष्य करके बोल रहे हैं।उन्होंने भ्रष्टाचार के वही पुराने मुद्दे उठाए। कॉमन सिविल कोड की बात की।तीन तलाक की बात की!एक घर - एक परिवार में दो कानून की बात की।तीन तलाक कानून से मुस्लिम महिलाओं को हुए फायदे गिनाए! उनके दुख का विस्तार से वर्णन किया!
महिला पहलवानों और मणिपुर पर आज तक एक भी शब्द न बोलने वाले पीएम ने विपक्षी दलों का नाम ले ले कर दशकों पुराने भ्रष्टाचार के मामले गिनाए।उनके श्रोता उनके भाषण से अल्हादित दिखे।उन्हें दिखना भी था।आखिर उन्हें चुनावी टिप्स देने ही तो पीएम साहब आए थे।
लेकिन बोलते बोलते उन्होंने मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार पर ही सवालिया निशान लगा दिया!मोदी ने कहा - जहां जहां बीजेपी की सरकार है, पेट्रोल के दाम 100 रुपए लीटर से कम हैं।(यह अलग बात है कि कुछ साल पहले तक वे 60 रुपए लीटर के दाम पर बहुत चिंतित हो जाते थे।उनकी पार्टी के लोग साइकिल चलाने लगते थे।महिला नेता गैस सिलेंडर लेकर सड़क पर बैठ जाती थीं)!उन्होंने पेट्रोल के 100 रुपए लीटर के दाम को तर्कसंगत ठहराते हुए अपनी पार्टी की सरकारों की पीठ ठोक डाली!पर वे यह भूल गए कि जिस राज्य में खड़े होकर वे यह ऐलान कर रहे हैं, उस राज्य में पेट्रोल के भाव दिल्ली,मुंबई और कोलकाता से भी ज्यादा हैं।एमपी में आज भी पेट्रोल का दाम करीब 109 रुपए लीटर है।डीजल भी करीब 94 रुपए लीटर बिक रहा है।यह दाम इसलिए ज्यादा हैं क्योंकि एमपी की बीजेपी सरकार डीजल पेट्रोल पर बहुत ज्यादा टैक्स ले रही है।
यही नहीं मोदी ने खुद को भ्रष्टाचार के खिलाफ गारंटी बताया!उन्होंने कहा - हर घोटालेबाज, चोर लुटेरे पर कार्रवाई की "मोदी गारंटी" है!और भी कई बड़ी बातें उन्होंने डंके की चोट पर दहाड़ते हुए कहीं!
भाषण देकर मोदी तो दिल्ली लौट गए!लेकिन एमपी के लोग दो दिन से इसके "अर्थ" खोज रहे हैं। पहला सवाल यही है कि क्या एमपी में बीजेपी की सरकार नही है!क्योंकि वे कह गए कि जहां बीजेपी की सरकार वहां पेट्रोल 100 रुपए से कम पर बिक रहा है!जबकि एमपी में पेट्रोल का रेट करीब 109 रुपए प्रति लीटर है!
मोदी के इस ऐलान के बाद यह भी पूछा जा रहा है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि "महाराज कांग्रेस" के बीजेपी में "मिक्स" हो जाने के बाद एमपी बीजेपी से "दर्जा " वापस ले लिया गया हो?इसी वजह से मोदी ऐसा बोले हों?
दूसरा सवाल मोदी गारंटी का है!मान लें कि 2018 से पहले वाले बड़े घोटालों - डंपर घोटाला,व्यापम घोटाला,खनन घोटाला, ई टेंडर घोटाला,पोषण आहार घोटाला,पेंशन घोटाला,सिंहस्थ घोटाला और भर्ती घोटाला आदि को मेमोरी से डिलीट भी कर दिया जाए तो भी पिछले 3 साल में इतने बड़े बड़े घोटाले हुए हैं कि उनकी अनदेखी कम से कम "मोदी गारंटी" को तो नही करनी चाहिए थी।
पिछले तीन साल में प्रदेश को कई बार मोदी गारंटी की जरूरत पड़ी है!लेकिन मिली नहीं! 300 करोड़ का नया बांध बह गया,कोई बात नहीं!नई सड़कें और पुल बह गए कोई बात नहीं!मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में मुख्यमंत्री के जिले विदिशा एक ब्लॉक में ही 30 करोड़ का घोटाला हो गया , छोटी बात है।नर्सिंग घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपने के बाद भी हाईकोर्ट सख्त टिप्पणी करता है तो करता रहे!जिंदा लोगों को मुर्दा बता कर अफसर लाखों डकार गए!कोई बात नहीं!
गरीब बच्चों की स्कूली ड्रेस में करोड़ों की हेराफेरी हो गई,लेकिन मोदी गारंटी कहीं दिखाई नहीं पड़ी!और तो और अब तो खुद भगवान मोदी गारंटी को तरस रहे हैं।लेकिन उन्हें भी अभी तक नही मिली है।
उज्जैन में भगवान महाकाल के महालोक में ही बड़ा खेल हो गया।इस महालोक का उद्घाटन खुद मोदी ने ही किया था!बड़ा प्रचार पूरी दुनियां में हुआ था।लेकिन उद्घाटन के 7 महीने बाद ही महालोक में करोड़ों की लागत से लगाई गई ऋषि मुनियों की मूर्तियां
हवा के एक झोंके में ध्वस्त हो गईं।जितना प्रचार हुआ था उतनी ही बदनामी पूरी दुनियां में हो गई!लेकिन मोदी गारंटी की नजर महाकाल पर भी नही पड़ी!
और तो और भोपाल स्थित सतपुड़ा भवन की चार मंजिलें जलकर खाक हो गईं। राज्य सरकार आग बुझाने में असहाय हो गई।राजधानी के प्रशानिक भवन की आग बुझाने के लिए मुख्यमंत्री ने मोदी जी से ही गुहार की!
आग तो 16 घंटे बाद बुझ गई!लेकिन मोदी जी ने यह नही सोचा कि दो दशक सत्ता में रहने के बाद भी उनकी पार्टी की सरकार एक 6 मंजिली बिल्डिंग की आग बुझाने में सक्षम नहीं है! पर वहां भी मोदी गारंटी दिखाई नहीं दी।
बड़ी सूची है ऐसे मामलों की जिन्हें मोदी गारंटी की सख्त जरूरत थी लेकिन मिली नहीं!
यही वजह है कि लोगों के मन में यह सवाल कौंध रहा है कि आखिर एमपी में किस पार्टी की सरकार है?क्योंकि यदि बीजेपी की होती तो पेट्रोल 100 रुपए से काम दाम पर बिकता!
और भ्रष्टाचार पर कम से कम भगवान को तो "मोदी गारंटी" मिल जाती!
अब भगवान की भगवान जानें!हम तो इतना जानते हैं कि अपना एमपी गज्जब है!बताइए है कि नहीं !!?