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कांग्रेस से मध्यप्रदेश में किस किस को मिलेगा लोकसभा का टिकिट!
राहुल गांधी के निर्देश के बाद प्रदेश कांग्रेस लोकसभा चुनाव में 24 नही बल्कि 29 सीटों पर फोकस कर रही है।पार्टी ने लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारी के लिए फॉर्मूला भी तैयार किया है। इसे 'विन 29' नाम दिया गया है। इसी फॉर्मूले को आधार बनाकर पार्टी टिकट बंटवारे को लेकर मंथन कर रही है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 16 लोकसभा सीटों की रायशुमारी करने के बाद साफ कर दिया है कि विधानसभा की तर्ज पर लोकसभा के टिकट भी सर्वे कराकर बांटेंगे। वही 26 फरवरी तक राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री कमलनाथ और प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया से नाम मांगे है।चुंकी बावरिया के अस्वस्थ्य होने के चलते फिलहाल सारी जिम्मेदारी कमलनाथ पर है। उम्मीद की जा रही है कि वे जल्द ही नामों पर चर्चा कर फाइनल लिस्ट राहुल गांधी को सौंपेंगें।
दरअसल, कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियां तेज कर दी हैं। राज्य में कांग्रेस ने डेढ़ दशक बाद सत्ता हासिल की है। आगामी लोकसभा चुनाव में भी वह विधानसभा चुनाव की तरह प्रदर्शन दोहराना चाह रही है। कांग्रेस की नजर उन सीटों पर है जहां कांग्रेस एक या दो बार जीती हो, वोटों का अंतर कम रहा हो, विधानसभा में पकड़ मजबूत हुई हो।
विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा चुनाव में भी टिकटों को लेकर माथापच्ची ना हो इसके लिए सारी बागडोर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने संभाल ली है और सभी को दो टूक शब्दों में कह दिया है कि लोकसभा के टिकट सर्वे कराकर बांटे जाएंगें।
वही पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने 26 फरवरी तक प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों के उम्मीदवारों के नाम मांगे हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ और प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया उम्मीदवारों की सूची तैयार कर रहे हैं और अबतक कई सीटों पर समीक्षा भी कर चुके है। कांग्रेस के पास सर्वे रिपोर्ट भी आ चुकी है जिसमें जिताउ उम्मीदवारों के नाम हैं।इसके लिए लोकसभा प्रभारी और मंत्रियों ने भी उन्हें उम्मीदवारों के संभावित नाम बंद लिफाफे में सौंपे है। इस सूची का मिलान सर्वे से किया जाएगा और मिलान के बाद कॉमन नाम को फाइनल उम्मीदवारों की सूची में शामिल किया जाएगा। यानि कि संभावित उम्मीदवारों में से जिस प्रत्याशी का नाम सर्वे में पाया जाएगा, उसे टिकट दिया जाएगा। यदि बंद लिफाफे में नाम है और सर्वे में नहीं आता है तो पार्टी उसे टिकट नहीं देगी, या फिर उसका टिकट काट दिया जाएगा।इसके बाद इसके अंतिम मोहर के लिए पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के पास भेजा जाएगा, वहां से ग्रीन सिग्नल मिलते ही नामों का ऐलान कर दिया जाएगा, ताकी उम्मीदवारों को संसदीय क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा घूमने का मौका मिले.
राहुल ने भी करवा रखा है सर्वे पिछले दिनों राहुल गांधी की भोपाल रैली के दौरान राहुल गांधी के मंच पर ज्योतिरादित्य सिंधिय़ा ने सभी 29 लोकसभा सीटें जीतने की हुंकार से साफ है कि पार्टी के चुनावी सुर अब पूरी तरह से बदल गए हैं। अब तक प्रदेश में बीस से चौबीस सीटें जीतने का दम भर रहे कांग्रेस नेताओं को राहुल गांधी ने दो टूक सभी 29 सीटें जीतने का टास्क दिया है। इसके लिए इस बार राहुल गांधी ने भी प्रदेश का सर्वे करवाया है। इस सर्वे में भी लोकसभा क्षेत्र से संभावित उम्मीदवारों की सूची बनाई गई है। राहुल अपने सर्वे और प्रदेश से आए नामों में से एक उम्मीदवार के नाम पर मुहर लगाएंगे। राहुल गांधी की अंतिम मुहर लगने के बाद उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया जाएगा।
16 पर रायशुमारी, 13 अब भी बाकी
मुख्यमंत्री ने बीते सप्ताह में टीकमगढ़, सतना, बालाघाट, उज्जैन, रीवा, मंदसौर, होशंगाबाद, धार, शहडोल, बैतूल, सागर, खरगौन, मंडला, रतलाम, दमोह और विदिशा लोकसभा सीटों के लिए बनाए गए प्रभारियों तथा प्रभारी मंत्रियों से चर्चा कर फीडबैक लिया है। वहीं, 13 सीटों पर रायशुमारी होनी बाकी है। कमलनाथ सभी 29 सीटों पर सर्वे कराएंगे।
इन सीटों पर खास नजर
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को सागर और खरगौन लोकसभा सीट का फीडबैक लिया। सागर लोकसभा सीट से कई दावेदार शामिल हैं, जिनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन, पूर्व मंत्री प्रभु सिंह ठाकुर, पूर्व मंत्री प्रकाश जैन के अलावे भूपेंद्र गुप्ता, भूपेंद्र सिंह मोहासा और अन्य लोगों के नाम शामिल हैं। कांग्रेस पार्टी सागर लोकसभा सीट 1991 के बाद नहीं जीत पाई है, इस दौरान आनंद अहिरवार ने जीत दर्ज की की थी। इसके बाद यह सीट सामान्य होने पर बीते ढाई दशक से भाजपा जीत दर्ज करती रही। इसलिए कांग्रेस का फोकस इन सीटों पर है ,ताकी इधर स्थिति को मजबूत किया जा सके।