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हिंदुस्तान में ही नहीं पूरे विश्व में मध्य प्रदेश के तीन संत प्रभावशाली, जानिए- कैसे बनाया तिलिस्म
वैसे तो हिंदुस्तान में काफी संत किसी ने किसी बात को लेकर चर्चाओं में रहे हैं लेकिन बात करें अकेले मध्य प्रदेश राज्य की तो वर्तमान में मध्य प्रदेश के 3 संत न केवल हिंदुस्तान में बल्कि विश्व में सुर्खीयों में है!इन तीन संतो में पंडित प्रदीप मिश्रा सीहोर, पंडित देवेंद्र शास्त्री बागेश्वर धाम और पांडोखर सरकार शामिल है।
पंडित प्रदीप मिश्रा के सीहोर आश्रम पर कोई कार्यक्रम हो या नहीं लाखों श्रद्धालु मौजूद रहते है। उनके श्रद्धालुओं को फरवरी माह में वितरित होने वाले रुद्राक्ष प्राप्त करने की बहुत लंबे समय से प्रतीक्षा थी। और जब वितरण होना शुरू हुआ तो अप्रत्याशित भीड़ जमा हो गई। नतीजतन वितरण कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा। अब बताया जाता है की पंडित मिश्रा के आश्रम पर 12 महीने ही रुद्राक्ष वितरीत होंगे।। लेकिन यह बात अलग है की जितना पंडित धीरेंद्र शास्त्री मीडिया में देखने में पढ़ने को मिलते हैं शायद दूसरे दोनों उतनेे नहीं।। शादी की बात हो या फिर चमत्कार की शास्त्री जी खुद मीडिया से सवाल जवाब करते रहते हैं। अब शास्त्री के भाई ने भी उन्हें और अधिक सुर्खियों में लाकर खड़ा कर दिया है।
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के छोटे भाई शालिग्राम गर्ग पर मध्य प्रदेश के छतरपुर में एससी एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कििया गया। साथ ही शालिग्राम पर शादी समारोह में तमंचा लहरा कर भय फैलाने का भी आरोप है। इसी के साथ मध्यप्रदेश के ही एक संत ने दूसरे संत को चुनौती दे दी है। चुनौती देने वाले बाबा हैं भिंड से आने वाले पंडोखर सरकार. उन्होंने यह कह कर की पर्ची लिखकर बता देना चमत्कार नहीं बल्कि समस्या का समाधान बताना चमत्कार है. सुर्खीयों में है ।उनका कहना है कि ये हजारों साल पुरानी कला है।और इसमें उनके मुकाबले किसी में वैसी दक्षता नहीं। सभी जानते हैं कि देवेंद्र शास्त्री पर्ची के माध्यम से ही बताते है।
पिछले दिनों पंडोखर सरकार ने एक टीवी चैनल में आधे घंटे के इंटरव्यू में बताया था कि करीब 32 सालों से पंडोखर सरकार भक्तों को पर्चियां लिखकर दे रहे हैं। लेकिन अब पंडोखर सरकार और धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री दोनों में पिछले दिनों ठन गई। भोपाल में पंडोखर ने कहा कि एक दिन सबका जलवा खत्म हो जाता है। रावण का भी जलवा कायम नहीं रहा. मुझे लग रहा है अगले 6 महीने के बाद धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का भी जलवा खत्म हो जाएगा। पंडोखर सरकार ने अपनी जन्मतिथि और धीरेेंद शास्त्री की जन्मतिथि बताते हुए कहा कि उन्होंने कब दीक्षा ली थी और वे कितने पुराने है।
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है की मध्य प्रदेश के तीनों संत लाखों लोगों का विश्वास संजोए है। पंडित प्रदीप मिश्रा शिव कथा के माध्यम से श्रद्धालुओं को विशेषकर महिलाओं को जो पूजा की विधि बताते हैं उसी का प्रभाव है कि छोटे से छोटी जगह से लेकर बड़े से बड़े शहरों में प्रति सोमवार को महिलाओं के शिव जी के देवालय में लंबी-लंबी कतारें देखने को मिलती है जो एक ही विधि और निर्धारित सामग्री से शिव भगवान का पूजन करती है। जो भी हो एक बार लाखों लोगों में अध्यात्मिक की एक लग्न सक्रिय रूप से देखने को मिल रही है।